कतार में कितने कांग्रेसी? क्या 2023 की चुनावी रणभूमि में प्रदेश में एक बार फिर से खुद्दार बनाम गद्दार की लड़ाई होगी

क्या 2023 की चुनावी रणभूमि में प्रदेश में एक बार फिर से खुद्दार बनाम गद्दार की लड़ाई होगी Kamal Nath had given a clear message to the Congressmen

कतार में कितने कांग्रेसी? क्या 2023 की चुनावी रणभूमि में प्रदेश में एक बार फिर से खुद्दार बनाम गद्दार की लड़ाई होगी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:14 pm IST
Published Date: August 29, 2022 10:59 pm IST

(रिपोर्टः नवीन कुमार सिंह) भोपाल : कमलनाथ ने जिला प्रभारियों के ज़रिए कांग्रेसियों को दो टूक संदेश दिया था कि जिन्हें कांग्रेस में नहीं रहना है वो अभी चले जाएं। साथ ही उन्होंने ये कहकर भी खलबली मचा दी थी कि जो बीजेपी के संपर्क में हैं। उनकी लिस्ट उनके पास है। यानी कांग्रेस में टूट का ख़तरा या आशंका तो है। अब इसी बात को मुद्दा बनाते हुए आज भूपेंद्र सिंह ने कहा कि 2023 आते-आते कांग्रेस के विधायकों की संख्या 25 से 50 रह जाएगी। अब सवाल ये है कि कांग्रेस के भारत जोड़ो के बीच ये बयान कांग्रेस तोड़ो के संकेत हैं। सवाल ये भी है कि कांग्रेस अपनी पार्टी को जोड़े ऱखने में सफल होगी।

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एक तरफ एमपी कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में जुटी है। आगामी चुनावों से पहले यात्रा के जरिए अपनी एकजुटता दिखाकर ये संदेश देना चाहती है कि बीजेपी के सामने कांग्रेस ही एक मात्र विकल्प है। खुद प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ संगठन की बैठक लेकर कसावट की कवायद कर रहे हैं। इसी बीच बीजेपी नेता और राज्य सरकार के मंत्री भूपेंद्र सिंह का दावा एमपी की सियासत में नया मोड़ ला दिया है।

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भूपेंद्र सिंह के बयान के मायने क्या हैं। क्या कांग्रेस का कुनबा 2023 तक आते-आते और बिखरेगा..मंत्रीजी के दावे का आधार क्या है। ऐसे कई सवाल हैं जो उठ रहे हैं। वैसे एमपी कांग्रेस का इतिहास उसके लिए खतरे की घंटी जरूर है। दरअसल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीटें जीती थी। सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों के सहारे कांग्रेस 221 के आंकड़े के जरिए सत्ता में आई थी, लेकिन फरवरी 2020 में एक साथ कांग्रेस के 22 विधायक पार्टी को गच्चा दे गए और कांग्रेस सत्ता से दूर हो गई। बाद में कांग्रेस के 7 और विधायकों ने पार्टी को अलविदा कह दिया। फिलहाल कांग्रेस के पास 96 विधायक हैं। कांग्रेस की एकजुटता राष्ट्रपति चुनाव में भी बिखरी-बिखऱी दिखी। 19 कांग्रेस के विधायकों ने एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में क्रॉस वोटिंग कर दी। भूपेंद्र सिंह के बयान पर दोनों पक्ष एक दूसरे पर हमलावर हैं.

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जाहिर है कमलनाथ ने तीन दिन पहले ही जिला प्रभारियों,जिलाध्यक्षों,विधायकों की बैठक में दो टूक कह दिया है कि जिसे पार्टी छोड़नी है वो छोड़कर चला जाए। क्योंकि जो भी बीजेपी के लिए पार्टी में रहते हुए काम कर रहा है उसकी पूरी खबर मेरे पास है? बहरहाल पहले कमलनाथ और अब भूपेंद्र सिंह दोनों नेताओं के बयान से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। तो क्या 2023 की चुनावी रणभूमि में प्रदेश में एक बार फिर से खुद्दार बनाम गद्दार की लड़ाई होगी।

 


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