Devotee recited Sunderkand and Hanuman Chalisa in Narmada river

अनोखा भक्त.. मां नर्मदा की गोद में भक्ति का दिखा अद्भुत नजारा, देखें वीडियो

Devotee recited Sunderkand and Hanuman Chalisa in Narmada river मां नर्मदा की गोद में भक्ति का दिखा अद्भुत नजारा, देखें वीडियो

Edited By :   Modified Date:  July 19, 2023 / 03:54 PM IST, Published Date : July 19, 2023/3:53 pm IST

Devotee recited Sunderkand and Hanuman Chalisa in Narmada river खरगोन।  जिले की पर्यटन और पौराणिक धार्मिक नगरी महेश्वर में अहिल्या घाट पर मां नर्मदा के एक भक्त द्वारा अनोखी भक्ति की जा रही है। नर्मदा नदी में बुजुर्ग भक्त द्वारा नदी में पद्मासन, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ किया जा रहा है। 60 वर्षीय श्रद्धालु द्वारा गले तक के पानी में डूबकर शंख, करताल बजाकर अनूठी पूजा कर रहे हैं। पिछले 6 वर्षों से अपने गुरू से प्रेरणा लेकर दहिमा अद्भुत भक्ति का संगम कर रहे है। इस अवसर पर मां नर्मदा और देवी आहिल्या के प्रति अटूट प्रेम दिखाई देता है।

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खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 65 किलोमीटर दूर पर्यटन नगरी महेश्वर में विश्व प्रसिद्ध अहिल्या घाट पर सावन माह के चलते नर्मदा में स्नान करने वालों की भीड़ उमड़ रही है। जहां मां नर्मदा के प्रति भक्तों का अटूट प्रेम दिखाई दे रहा है। वहीं, महेश्वर से 55 किलोमीटर दूर धार जिले के ग्राम नालछा निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग अशोक दाहिमा पिछले 6 साल से लगातार और 35 साल से अमावस पूर्णिमा शिवरात्रि जन्माष्टमी रामनवमी हनुमान जयंती सहित अन्य त्योहारों पर महेश्वर के अहिल्या घाट पर अल सुबह 5 बजे से मां नर्मदा की गोद में रामायण, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा पाठ करने के लिए आ रहे हैं।

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अशोक दाहिमा सूर्योदय से पहले नर्मदा किनारे पहुंच जाते हैं और नर्मदा के पानी में पद्मासन करते हुए सुंदरकांड, हनुमान चालीसा और रामायण पाठ करते हैं। मां नर्मदा के इस अनोखी भक्ति के यहां पहुंचने वाले श्रद्धालु भी कायल है। धार जिले के नालछा निवासी नर्मदा के परम भक्त अशोक दाहिमा का कहना है कि नर्मदा मैया में पद्मासन लगाकर जिसे मत्स्यासन भी कहा जाता है। इसमें से कुछ सिद्धियां मंत्रों के द्वारा और कुछ अपने प्रयास से की जाती है।

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भक्त का कहना है कि मैं शंख बजाता हूं और रामायण का पाठ भी करता हूं, जो करीब ढाई घंटे चलती है। रोजाना सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करता हूं। शंख और करताल भी बजाता हूं। दीपक से आरती करना ये सभी में नर्मदा मैया में ही करता हूं। हमारे गुरु श्री श्री 1008 रामपाल धाम के विश्वेश्वरदासजी महाराज के साथ में रोजाना नर्मदाजी में स्नान करने आता था। उन्हे नर्मदा स्नान करने का बड़ा शौक था। करीब 6 वर्षों से मैं धार जिले के ग्राम नालछा से प्रतिदिन 55 किलोमीटर दूर से यहां सुबह-सबह आता हूं। मां नर्मदा का प्रेम चुंबक की तरह एक तरह से यहां खींच लाता है। IBC24 से शशिकांत शर्मा की रिपोर्ट

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