Jabalpur Library : अव्यवस्थाओं से लैस करोड़ों की लाइब्रेरी..! प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे छात्र, ऐसे है स्मार्ट सिटी के हालात
Chaos in Jabalpur Library : जबलपुर में सात करोड़ रुपए की लागत से संवारी गई लाइब्रेरी सफेद हाथी बनकर रह गई है।
Chaos in Jabalpur Library
Chaos in Jabalpur Library : जबलपुर। जबलपुर में सात करोड़ रुपए की लागत से संवारी गई लाइब्रेरी सफेद हाथी बनकर रह गई है। करोड़ों रूपये खर्च करने के बाद भी यहां छात्रों को बैठकर पढ़ने की न तो सुविधा है,और न ही स्मार्ट सिटी 3 साल बाद लाइब्रेरी में कुर्सियां लगा पाया। जिसका खामियाजा लायब्रेरी में आने वाले छात्रों और आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।
Chaos in Jabalpur Library : दअरसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब सात करोड़ रुपये खर्च कर 128 साल पुराने ऐतिहासिक टाउन हाल गांधी भवन का जीर्णोद्धार किया गया है,5 साल पहले पुनःनिर्माण कार्य का हवाला देकर गांधी भवन में 97 सालों से संचालित लाइब्रेरी एक अप्रेल 2019 को बंद कर दी गई थी। हालांकि गांधी भवन के जीर्णोद्धार का काम पूरा होने के बाद एक दिसंबर 2021 से लाइब्रेरी को दोबारा तो खोल दिया गया है। लेकिन सात करोड़ रुपये खर्च कर संवारी गई यह लाइब्रेरी आज छात्रों की पहुंच से दूर हो गई है। क्योंकि करोड़ो रुपए खर्च कर संवारी गई।
इस लायब्रेरी में बैठकर पढ़ने की व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह यह है कि लायब्रेरी के रिनोवेशन के बाद इसे सजाने के लिए बाकायदा पुराने फर्नीचर की जगह नया फर्नीचर मंगाया गया। लेकिन 3 साल बाद भी लायब्रेरी के लिए मंगाई गई,टेबिल,कुर्सी और अलमारियां पैक होकर लायब्रेरी में एक जगह रखी हुई है। जिसकी वजह से लायब्रेरी में बैठकर पढ़ने की जगह लोगों को किताबें लेकर 2 किमी दूर बनी निगम की अन्य लायब्रेरी में जाना पड़ता है,या फिर लोग किताबे लेकर अपने घरों में जाना ही बेहतर मुनासिब समझते है।
बावजूद जिम्मेदारों को इसकी कोई परवाह नहीं है। नतीजतन 97 साल पुरानी जिस लाइब्रेरी में 450 से ज्यादा सदस्य थे। आज उसमें से घट कर आधा सैकड़ा सदस्य ही रह गए हैं। दरअसल इस गांधी भवन लाइब्रेरी में फिजिकल के साथ साथ एक डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई गई है। इसमें लगभग 1 लाख से ज्यादा पुस्तकों को कंप्यूटर पर बैठकर पड़ा जा सकता है,120 कंप्यूटर के साथ एक अत्याधुनिक लाइब्रेरी बनाई गई है। इसमें दिन भर में एक हजार के करीब बच्चे एक साथ पढ़ सकेंगे।
इसके अलावा इसी परिसर में मैन्युअल तौर से संचालित हो रही लाइब्रेरी में 50 हजार से ज्यादा पुस्तकें हैं। जिन्हें लाइब्रेरी के हॉल में बैठकर भौतिक तौर पर पढ़ने के लिए रखा गया है इन किताबो में एमपी बोर्ड और सीबीएसई बोर्ड से संबंधित है। इसके अलावा कॉलेज की किताबें के अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे पीएससी,बैंक रेलवे,नीट,जेईई सहित संविदा वर्ग से जुड़ी परीक्षाओं के कंटेंट करंट अफेयर्स की पुस्तक और टेस्ट पेपर भी उपलब्ध हैं,लेकिन बैठक व्यवस्था न होने छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों का कहना है कि निर्माण कार्य के चलते फर्नीचर लायब्रेरी में नहीं लगाया जा सका है। जिसकी वजह से छात्रों समेत लायब्रेरी आने वाले लोगों को परेशानी हो रही है। जिसे जल्द दूर कर दिया जाएगा।

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