बाढ़ और सूखे से बचाने के लिए राष्ट्रीय जल संरक्षण प्राधिकरण लाया ये प्लान, रूपरेखा बनकर तैयार

Rivers across the country will be connected with each other: बाढ़ और सूखे से बचाने के लिए राष्ट्रीय जल संरक्षण प्राधिकरण लाया ये प्लान, रूपरेखा बनकर तैयार

बाढ़ और सूखे से बचाने के लिए राष्ट्रीय जल संरक्षण प्राधिकरण लाया ये प्लान, रूपरेखा बनकर तैयार

Rivers across the country will be connected with each other

Modified Date: November 29, 2022 / 08:40 pm IST
Published Date: August 14, 2022 12:10 pm IST

Rivers across the country will be connected with each other: राष्ट्रीय जल संरक्षण प्राधिकरण ने देश की 30 बड़ी नदियों को आपस में जोड़ने की रूपरेखा तैयार की है। प्राधिकरण अब दो या दो से अधिक राज्यों की बैठक कर इन नदियों को जोड़ने पर विचार करेगी। इसमें राज्यों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के साथ ही आपदा से निपटने के रोडमैप से अवगत कराने का काम शुरू होगा। इन परियोजनाओं में मध्यप्रदेश की राष्ट्रीय नदी जोड़ो प्रोजेक्ट में केन-बेतवा लिंक परियोजना के अलावा पार्वती-कालीसिंध-चंबल और पार्वती-कुन्नु-सिंध शामिल हैं।

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बाढ़ और सूखे से मिलेगी राहत

Rivers across the country will be connected with each other: महानदी-गोदावरी और गोदावरी-कृष्णा का प्रदेश में कैचमेंट है। केन-बेतवा लिंक परियोजना सहित आठ परियोजनाओं की डीपीआर और 22 परियोजनाओं की फिजिबिलिटी सर्वे कर लिया है। नदियों को जोड़ने से प्रदेश में बिजली और सिंचाई क्षमता बढ़ाने के साथ बाढ़ और सूखे की समस्या से निजात मिलेगी। नदी जोड़ो प्रोजेक्ट पर दो या उससे अधिक राज्यों को मिलकर काम करना होगा। इसके बाद ही इन परियोजनाओं के लिए 80-90% राशि केन्द्र सरकार देगी।

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भविष्य में न आए ऐसे मामले

Rivers across the country will be connected with each other: बता दें कि हाल में धार के कारम डेम को लेकर गड़बड़ी का मामला सामने आया है। मध्य प्रदेश के धार जिले में कारम नदी पर बन रहे कोठेरा बांध से जारी पानी का रिसाव बढ़ने से दहशत पसरी हुई है। पानी से भरे इस बांध के टूटने का खतरा पैदा हो गया है। इसके मद्देनजर प्रशासन ने बांध के निचले क्षेत्र में बसे 18 गांवों को ऐहतियातन खाली करा लिया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बने राहत शिविरों में भेजा गया है। आगे ऐसी स्थिति पैदा न हो इसके लिए अब प्रशासन अलर्ट हो गया है। जिसके चलते नदियों को आपस में जोड़ने की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

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