Vande Bharat: मुगलों पर नया ‘चैप्टर’.. सियासी वार-पलटवार! आखिर क्या है आपत्तियां और ये कितनी जायज हैं? देखिए ये रिपोर्ट
मुगलों पर नया 'चैप्टर'.. सियासी वार-पलटवार! NCERT has created politics in Madhya Pradesh regarding some new chapters
भोपालः कहते हैं कि शिक्षा समाज में बदलाव का सबसे सशक्त साधन है। देश में नई शिक्षा नीति के तहत बहुत कुछ बदल रहा है, लेकिन इस साल से नौनिहालों की इतिहास की पुस्तक में NCERT ने कुछ नए अध्याय जोड़े हैं। कुछ पुराने किरदारों के नए विवरण छापे हैं जिसपर सियासी तौर पर भूचाल आ गया है। खासकर मुगलों के बारे में नए चैप्टर पर बहस छिड़ी हुई है।
NCERT ने कक्षा 8 वीं की सामाजिक विज्ञान की नई पुस्तक लॉन्च की है। ये किताब 2025-26 एकेडमिक सेशन से स्कूलों में लागू होगी, इसमें इस्लामिक आक्रांताओं बाबर, औरंगजेब और अकबर की क्रूरता से जुड़े ऐतिहासिक संदर्भों को शामिल किया गया है। इस पुस्तक के आने के बाद देश भर में नई सियासी बहस छिड़ गई है। दरअसल, इस किताब में मुगल आक्रांता बाबर को ‘तुर्क-मंगोल शासक और सैन्य रणनीतिकार’ लिखा गया है। वहीं ये भी बताया गया है कि- “अकबर का शासन क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण था, जबकि औरंगजेब एक सैन्य शासक था जिसने गैर-इस्लामी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाया और गैर-मुसलमानों पर टैक्स लगाया।” वहीं किताब में लिखा गया है कि 1568 में चित्तौड़ के किले की घेराबंदी के दौरान अकबर ने लगभग 30 हजार नागरिकों की हत्या की और उस दौरान बची महिलाओं और बच्चों को गुलाम बनाने का आदेश दिया था। किताब में इस्लामिक आक्रमण के दौरान- बनारस, मथुरा और सोमनाथ में मंदिरों को तोड़ने का भी जिक्र है। साथ ही जैन, सिख, सूफी और पारसी समुदायों पर अत्याचार की घटनाओं को भी शामिल किया गया है। इतना ही नहीं इस नई किताब में मराठों, अहोम, राजपूत और सिखों पर आधारित अध्याय में छत्रपति शिवाजी महाराज, ताराबाई और अहिल्याबाई होल्कर जैसी हस्तियों पर प्रकाश डाला गया है और उन्हें दूरदर्शी शासक के रूप में चित्रित किया गया है।
NCERT की इस नई किताब का बीजेपी ने जहां स्वागत किया तो कांग्रेस सरकार पर हमलावर नजर आई। कांग्रेस ने बीजेपी पर सांप्रदायिकता पढ़ाने का आरोप मढ़ दिया। NCERT की सामाजिक विज्ञान की पुस्तक में शामिल इस्लामिक आक्रांताओं की क्रूरता पर वार-पलटवार का दौर जारी है। बीजेपी जहां इसे इतिहास का सत्य और तथ्य बता रही है तो कांग्रेस सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगा रही है। खैर औरंगजेब और अकबर के बहाने जो सियासी तूफान उठा है, वो जल्द थमेगा ऐसा लगता नहीं।

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