शह मात The Big Debate: सिरप पर सजा अखाड़ा.. शोर में डूबा छिंदवाड़ा! सिरप के बहाने निशाने पर सरकार, क्या सियासी शोरगुल में गुम हो जाएगा बच्चों की मौत और स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा?
सिरप पर सजा अखाड़ा.. शोर में डूबा छिंदवाड़ा! New political upheaval erupted in Madhya Pradesh after the Chhindwara syrup scandal
भोपालः MP News छिंदवाड़ा के बहुचर्चित सिरप कांड के बाद मध्यप्रदेश में नया सियासी उबाल आ गया है। कांग्रेस जहां सरकार पर लापरवाही के बहाने गंभीर आरोप मढ़ रही है तो अब परासिया में नेताओं का जमावड़ा लगना जारी है। खुद सीएम डॉ मोहन यादव , स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल और कांग्रेस की ओर से जीतू पटवारी से लेकर उमंग सिंघार दौरे कर चुके हैं और ऐसी खबर है राहुल गांधी परासिया आकर पीड़ितों से मुलाकात कर सकते हैं। जहां एक ओर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की गाज गिर रही है तो वहीं ये सवाल भी उठ खड़े हुए हैं कि क्या अब सियासी शोर में मासूमों की मौत का मामला गुम हो जाएगा? क्या सरकार की ओर से कार्रवाई में देरी हुई है?
MP News छिंदवाड़ा के परासिया में जहरीली कफ सिरप पीने के बाद अब तक 20 मासूमों की मौत हो चुकी है..और 5 बच्चे अभी भी जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं, जहां मासूमों की मौत के बाद उनके घरों में मातम पसरा है तो अब सियासतदान पूरे लावलश्कर के साथ अपनी सियासी शमशीरों को धार देने में जुट गए हैं। बच्चों की मौत के बाद बीजेपी सरकार जहां एक ओर हरकत में है..और एक-एक कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला, छिंदवाड़ा से लेकर नागपुर तक पहुंच रहे हैं। पीड़ितों से मिल रहे हैं और व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का दावा कर रहे हैं तो कांग्रेस मासूमों की मौत के बहाने बीजेपी को घेरने में जुट गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी बुधवार को परासिया पहुंचे। लोगों से मुलाकात की। कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर लापरवाही के आरोप मढ़ते हुए कहा कि सरकार 4 लाख मुआवज़ा देकर मां की कोख का सौदा ना करे। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के इस्तीफे की मांग की। खबर है कि लोकसभा में नेताप्रतिपक्ष राहुल गांधी भी जल्द परासिया आकर पीड़ितों से मुलाकात कर सकते हैं।
कांग्रेस ने जहां आरोपों के तीर चलाए तो सरकार का दावा है कि घटना से जुड़े कोई जिम्मेदार बख्शे नहीं जाएंगे और सरकार के जिम्मेदारों ने कांग्रेस पर आरोप लगाए कि – कांग्रेस मासूमों की मौत में भी सियासी पैंतरेबाजी कर रही है। कुलमिलाकर सिरप कांड को लेकर अब सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। छिंदवाड़ा में लगातार नेताओं के दौरे हो रहे हैं…सरकार बचाव के रास्ते खोज रही है। विपक्ष हमलावर मूड में है..ऐसे में बच्चों की मौत का मामला सियासी शोर में बदलता जा रहा है तो सवाल ये है कि- क्या मामले में एक्शन लेने में सरकार ने देरी की और क्या पीड़ितों के लिए मुआवजे के 4 लाख रुपए काफी हैं? क्या कांग्रेस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर BJP के खिलाफ नैरेटिव सेट कर रही है और बड़ा सवाल ये कि – क्या सियासी शोरगुल में बच्चों की मौत और स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा कहीं गुम तो नहीं जाएगा?

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