शह मात The Big Debate: फिर आतंक के रंग पर जंग! साध्वी प्रज्ञा ने हरे रंग को आतंकवाद से किस आधार पर जोड़ा? देखिए पूरी रिपोर्ट
MP News: फिर आतंक के रंग पर जंग! साध्वी प्रज्ञा ने हरे रंग को आतंकवाद से किस आधार पर जोड़ा? देखिए पूरी रिपोर्ट
MP News | Photo Credit: IBC24
- विवादित बयान
- राजनीतिक प्रतिक्रिया
- मुख्यमंत्री की टिप्पणी
भोपाल: MP News हरा रंग वैसे तो कुदरत का रंग है, पॉजिटिविटी का रंग है। हरी झंडी दिखाने का मतलब हम ऑल इज वेल से लगाते हैं। पर एक बार फिर हरे रंग को दहशहगर्दी से जोड़ने वाला बयान आया है। मालेगांव केस से बरी होने के बाद से साध्वी प्रज्ञा मुखर हैं। इसी मुखरता में उन्होंने हरे रंग को आतंक से जोड़ने की कोशिश की है। क्या कोई नस्ल, मजहब, जाति, वर्ग और रंग का संबंध आंतकवाद से हो सकता है? ये एक सवाल है जो हमेशा पूछा जाता है।
MP News मालेगांव बम धमाके के आरोपों से बरी होने के बाद भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर के तेवर गरम हैं। प्रज्ञा ठाकुर कह रही हैं आतंक का धर्म होता है सिर्फ धर्म ही नहीं बल्कि रंग भी होता है और वो रंग हरा है। प्रज्ञा ठाकुर के इस इशारे को समझना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि अब इस बयान के क्या मायने हैं। क्या ज़रुरत है ऐसे बयान देने की, वो भी तब जब दो दिन पहले ही उन्हें कोर्ट ने सांप्रदायिक हिंसा के आरोपों से बरी किया है।
खैर,प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान पर कांग्रेस भड़क गयी है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद कह रहे हैं कि प्रज्ञा ठाकुर साध्वी हैं वो कुछ भी कह सकती हैं, लेकिन आतंक का कोई मजहब नहीं होता। वहीं मसूद ने ये भी कहा कि मालेगांव बम धमाकों के आरोपियों के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट जाना चाहिए।
विधानसभा में मीडिया से बात करते हुए खुद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि कोर्ट के फैसले से साबित हो गया है कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकता। मोहन यादव ने ये भी कहा कि कांग्रेस के सारे षडयंत्र फेल हो गए,भगवा आतंकवाद का नाटक भी एक्सपोज़ हो गया।
भगवा बनाम हरा रंग के इस नए विवाद पर अब संत भी कूद गए हैं। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर मध्यप्रदेश की सियासत को गरमा दिया है। आतंक के रंग पर बहस छेड़ दी है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या वाकई आतंकवाद का कोई रंग होता है?

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