MP News: ‘इस्लाम तो अरब का धर्म है, यहां तो…’, MP के इस IAS अफसर के बयान पर गरमाई सियासत, कांग्रेस विधायक बोले- होनी चाहिए कार्रवाई

Politics heated up over the statement of this IAS officer of MP

MP News: ‘इस्लाम तो अरब का धर्म है, यहां तो…’, MP के इस IAS अफसर के बयान पर गरमाई सियासत, कांग्रेस विधायक बोले- होनी चाहिए कार्रवाई
Modified Date: February 18, 2025 / 03:15 pm IST
Published Date: February 18, 2025 2:20 pm IST

भोपालः MP News मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारी नियाज खान अपने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हमेशा चर्चा में रहते हैं। इसी बीच अब उन्होंने एक बार फिर कुछ ऐसा पोस्ट कर दिया है, जिस पर बवाल शुरू हो गया है। कोई उसका समर्थन कर रहा तो कोई उसका विरोध कर रहा है। दरअसल, नियाज खान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर ट्वीट कर कहा, “इस्लाम तो अरब का धर्म है, यहां तो सभी हिंदू थे। हिंदू से लोग मुस्लिम बनाए गए थे, इसलिए भले ही धर्म अलग-अलग हों लहू तो एक है। सभी एक संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। अगर जो मुस्लिम अरब के लोगों को आदर्श मानते हैं वे पुनर्विचार करें. सर्वप्रथम हिंदुओं को अपना भाई माने बाद में अरब को।”

Read More : MP Rewa Road Accident: तेज रफ्तार ट्रक ने दो बाइक को रौंदा, 4 लोगों की दर्दनाक मौत, आक्रोशित लोगों ने किया चक्का जाम 


MP News आदिवासी संगठन जयस प्रमुख और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने नियाज खान की बुक और बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि नियाज खान की सोच सनातन, संविधान, विरोधी जातिवाद और पाखंडवाद को बढ़ावा देने वाली है। संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति पाखंड फैला रहा है। बुक के जरिए जातिवाद फैलाने का काम किया गया। ऐसे अधिकारी पर मध्यप्रदेश सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।

Read More : Tankaram Verma on Panchayat Chunav: “मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन का कमाल..” पंचायत चुनाव के पहले चरण को लेकर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- ‘छत्तीसगढ़ से कांग्रेस..’ 

मौलाना ने किया समर्थन

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने IAS नियाज खान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि भारत में ज्यादातर कन्वर्टेड मुस्लिम हैं। अरब देश से कुछ मुसलमान आए थे। वे जब भारत में आए तो उन्होंने ऊंच-नीच का फासला खत्म किया। इससे प्रवाहित होकर हिंदू, बौद्ध और अन्य धर्म के लोगों ने मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लिया। मध्यप्रदेश के IAS नियाज खान के बयान को समझने की जरूरत है।’


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।