रामायण पर महाभारत! मामले में क्या होगा विपक्ष का अगला कदम? |Ram's name is discussed once again in the politics of the state.

रामायण पर महाभारत! मामले में क्या होगा विपक्ष का अगला कदम?

रामायण पर महाभारत! मामले में क्या होगा विपक्ष का अगला कदम?! Ram's name is discussed once again in the politics of the state.

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:30 PM IST, Published Date : September 13, 2021/11:43 pm IST

भोपाल: प्रदेश की सियासत में एक बार फिर राम के नाम की चर्चा है। प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने अब कॉलेज में राम के आदर्शों को सिलेबस में पढ़ाने की तैयारी की है, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाते हुए बहस छेड़ दी है। विपक्ष का आरोप मध्य प्रदेश में शिक्षा में भगवाकरण करने में तुली है। पहले MBBS की पढ़ाई में RSS और जनसंघ के नेताओं की जीवनी जोड़ी गई और अब आर्ट्स और इंजीनियरिंग की पढाई में श्री रामचरित मानस का पाठ पढ़ाए जाने की तैयारी है। बीजेपी ने इसका स्वागत करते हुए इसे छात्रों के नैतिक विकास के लिए ज़रूरी बताया है।

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प्रदेश सरकार ने टेक्नॉलोजी के इस दौर पर कॉलेजों में रामचरतिमानस को पढ़ाने का फैसला लिया है भगवान राम के अलावा, हनुमान तुलसीदास, वेद पुराण और उपनिषद पढ़ाये जाएंगे। मध्य प्रदेश में उच्चशिक्षा विभाग ने एमबीबीएस के बाद अब इंजीनियरिंग और आर्टस के सिलेबस में नैतिक और धार्मिक शिक्षा देने की पूरी तैयारी कर ली है।

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ऐसा नहीं है कि मध्य प्रदेश सरकार पहली बार इस तरह का प्रयोग करने जा रही है। नई शिक्षा नीति के तहत हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट में पढ़ाई का क्या शेड्यूल बनाया है। मध्य प्रदेश की नई शिक्षा नीति में पहले MBBS के फर्स्ट ईयर के फाउंडेशन विषय में आरएसएस संथापक डॉक्टर हेडगेवार और जनसंघ की स्थापना करने वाले दीनदयाल उपाध्याय की जीवनी जोड़ी गई। अब बीए के फर्स्ट ईयर में वैकल्पिक विषय के तौर पर दर्शन शास्त्र जोड़ा गया है, जिसमें राम हनुमान तुलसीदास की जीवनी के साथ साथ रामसेतु का महत्व, चारों युगों वेद उपनिषद गीता भी पढ़ाई जाएगी। उच्च शिक्षा विभाग की योजना है कि एमपी के इंजीनियरिंग कॉलेजों में भी रामसेतु के निर्माण। स्ट्रक्चर और सेतु के तकनीकि पहलुओं को पढ़ाया जाए।

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केन्द्र सरकार ने बच्चों रोज़गार परक शिक्षा देने के लिए देश में नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी थी, जिसके तहत नौवी कक्षा से ही बच्चों को टेक्नीकल शिक्षा दिया जाना था। लेकिन मध्य प्रदेश में टेक्नीकल एजुकेशन तो दूर सामाजिक शिक्षा के नाम पर बीजेपी आरएसएस के नेताओं और नैतिक शिक्षा में हिंदु प्रतिमाओं को स्थापित किया जा रहा है। जहां महाराष्ट, दिल्ली, बिहार नई शिक्षा नीति तहत नए नए टेक्नीकल विषय शुरू करने की तैयारी में हैं तो वहीं मध्य प्रदेश में संघ के एजेंडे को आगे बढ़ाने के आरोप लग रहे है।

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भारत में सियासत के लिए राम सत्ता की गारंटी है लिहाजा देश की सियासत के केंद्र में राम है, राम के नाम के सहारे बीजेपी देश और प्रदेश में कई चुनावी वैतरणी पार कर चुकी है। बड़ा सवाल ये कि मामले में विपक्ष का अगला कदम क्या होगा और उसका सरकार के इस कदम पर क्या असर पड़ेगा?

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