शह मात The Big Debate: विवादित बोल..बढ़ता रोष, किसके खाते चुप्पी का दोष? क्या IAS संतोष वर्मा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए? देखें पूरी रिपोर्ट
MP News: विवादित बोल..बढ़ता रोष, किसके खाते चुप्पी का दोष? क्या IAS संतोष वर्मा पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी चाहिए? देखें पूरी रिपोर्ट
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- IAS संतोष वर्मा की टिप्पणी पर देशभर में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन
- एमपी और बिहार विधानसभा में कार्रवाई की मांग उठी
- सरकार ने नोटिस जारी किया, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं हुई
भोपाल: MP News ब्राह्मण बेटियों पर IAS संतोष वर्मा की आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को एमपी विधानसभा के शीतसत्र के अंतिम दिन सपाक्स नेता विधानसभा का घेराव करने पहुंचे। संतोष वर्मा के खिलाफ सदन में चर्चा और FIR दर्ज करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच रास्ते में ही रोक लिया तो वहीं दिल्ली में ब्राह्मण समाज के जनप्रतिनिधियों ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा।
MP News IAS संतोष वर्मा के खिलाफ केवल एमपी ही नहीं बल्कि देश भर में खासा आक्रोश है। गुरुवार को लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के विधायक राजू तिवारी ने बिहार विधानसभा में, निंदा करते हुए कार्रवाई की मांग की, तो वहीं IAS संतोष वर्मा के भद्दे बयान के बाद से ही मध्यप्रदेश में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जारी रहे। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए विरोध जताया तो रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को पत्र लिखकर कठोर कार्रवाई की मांग की। पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से लेकर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी कड़ी निंदा की बात कही। सरकार की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी हुआ लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। संतोष वर्मा के खिलाफ जारी आक्रोश के दबाव में बीजेपी और कांग्रेस नेता सदन के बाहर तो कड़ी निंदा कर रहे हैं, लेकिन विधानसभा के अंदर चर्चा या निंदा प्रस्ताव तक की हिम्मत नहीं कर सके।
कुलमिलाकर हर वर्ग के हक को लेकर जिस तरह से पक्ष-विपक्ष का सदन के अंदर और बाहर विरोध जारी रहता है, लेकिन संतोष वर्मा की ब्राह्मण बेटियों को लेकर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद सभी ने गहरी चुप्पी साध रखी है। ऐसे में सवाल ये है कि- अगर बिहार विधानसभा में ये मामला उठ सकता है, तो मध्यप्रदेश विधानसभा में क्यों नहीं? सवाल ये कि- क्या नई राजनीति में ब्राह्मण शब्द आते ही मौन हो जाना कोई रणनीति है? सवाल ये कि क्या ये केवल ब्राह्मण बेटियों का ही अपमान है, याकि हमारी हर बेटी का अपमान? आखिर संतोष वर्मा से पक्ष-विपक्ष को इतना प्रेम क्यों है?

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