‘यमुना के श्राप से ताप्ती नदी में गल जाती है अस्थियां’..! फिर बुरे फंसे कथावाचक प्रदीप मिश्रा, ताप्ती नदी को लेकर कही थी ये बात

पंडित प्रदीप मिश्रा को क्या अब एक बार फिर से नाक रगड़ कर माफी मांगनी पड़ेगी?Pradeep Mishra's statement on Maa Tapti

‘यमुना के श्राप से ताप्ती नदी में गल जाती है अस्थियां’..! फिर बुरे फंसे कथावाचक प्रदीप मिश्रा, ताप्ती नदी को लेकर कही थी ये बात

Pradeep Mishra's statement on Maa Tapti

Modified Date: June 30, 2024 / 07:05 pm IST
Published Date: June 30, 2024 7:02 pm IST

Pradeep Mishra’s statement on Maa Tapti : बैतूल। कृष्ण की नगरी बरसाना के बाद पंडित प्रदीप मिश्रा को क्या अब एक बार फिर से नाक रगड़ कर माफी मांगनी पड़ेगी? क्योंकि राधा रानी पर विवादास्पद बयान देने के बाद अब बैतूल के मुलताई में ताप्ती भक्तों ने पंडितजी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बैतूल जिले के ताप्ती भक्तो ने प्रदीप मिश्रा की उस कथा पर आपत्ति दर्ज की है जिसमें यह कहा जा रहा है कि यमुना जी ने ताप्ती जी को श्राप दिया इसलिए ताप्ती नदी में अस्थियां गल जाती है। ताप्ती को श्रापित नदी बताने को लेकर ताप्ती भक्तो ने अब प्रदीप मिश्रा से पुण्य सलिला मां सूर्यपुत्री ताप्ती के दरबार में आकर नाक पांव रगड़ कर माफी मांगने की मांग की है।

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Pradeep Mishra’s statement on Maa Tapti : भक्तों का कहना है कि, यदि प्रदीप मिश्रा आने वाली 13 जुलाई 2024 को पुण्य सलिला मां सूर्यपुत्री ताप्ती जन्मोत्सव के पहले ताप्ती जन्मस्थली मुलतापी में आकर माफी नहीं मांगते है तो ताप्तीचंल में पंडित प्रदीप मिश्रा का विरोध किया जाएगा बल्कि खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा।

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मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति के अध्यक्ष ने दी प्रदीप मिश्रा को चेतावनी

मां सूर्यपुत्री ताप्ती जागृति समिति मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रामकिशोर पंवार ने अपनी ओर से जारी प्रेस विज्ञिप्त में प्रदीप मिश्रा को चेतावनी दी है कि, वे इस बयान को सिद्ध करे की, क्या मां ताप्ती श्रापित नदी है और इस बात का उनके पास क्या आधार और प्रमाण है क्योकि पुराणों के अनुसार ताप्ती नदी में यमुना के श्राप के चलते अस्थियां नहीं गलती बल्कि ताप्ती के वेग और तेज और उन्हें प्राप्त शक्तियो के कारण मृत देह की अस्थियों को मोक्ष प्राप्त होता है। प्रदीप मिश्रा को पता ही नहीं है कि आखिर ताप्ती नदी का प्रभाव और धार्मिक महत्व क्या है। यह दुनिया की एक मात्र नदी है जो अपने आंचल में विसर्जित अस्थियों को मात्र तीन दिन में मोक्ष की प्राप्ति करवाती है।

 

 

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लेखक के बारे में

Shyam Bihari Dwivedi, Content Writter in IBC24 Bhopal, DOB- 12-04-2000 Collage- RDVV Jabalpur Degree- BA Mass Communication Exprince- 5 Years