Madhya Pradesh में आफत की बारिश, बाढ़ में अब भी फंसे लोग, कई गांव टापू में तब्दील |thousands of people still trapped, many villages turned into island After Heavy Rains in Madhya Pradesh

Madhya Pradesh में आफत की बारिश, बाढ़ में अब भी फंसे लोग, कई गांव टापू में तब्दील

Madhya Pradesh में आफत की बारिश! thousands of people still trapped, many villages turned into island After Heavy Rains in Madhya Pradesh

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:34 PM IST, Published Date : August 4, 2021/11:30 pm IST

भोपाल: मध्यप्रदेश में भारी बारिश के चलते ग्वालियर-चंबल इलाके में हालात जस के तस हैं। इलाके की पार्वती, सिंध और चंबल नदियों के उफान पर होने गांव-गांव में पानी भरा है। लोग बेघर हो चुके हैं। वहीं, कई लोग अब भी बाढ़ के बीच फंसे हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सेना और बचाव दल के लोग जी जान से जुटे हैं।

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मध्यप्रदेश का ग्वालियर-चंबल इलाका इस समय भारी बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है। कुदरत की मार से इलाके के सभी जिले कराह रहे हैं। शिवपुरी समेत आसपास के जिलों में 3 दिन से लगातार बारिश हो रही है जिसके चलते पार्वती, सिंध, चंबल और कूनो नदी उफान पर हैं। शिवपुरी में आगरा मुंबई फोरलेन नेशनल हाईवे पर सिंहनिवास गांव के पास भारी बारिश के चलते सड़क धसक गई, जिसके चलते फोरलेन पर जा रहा ट्रक सड़क में समा गया। पार्वती नदी उफान पर होने से रेलवे ट्रैक पर भी पानी आ गया, जिससे रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचा।

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शिवपुरी जिले में भारी बारिश के चलते कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं, जिसके चलते लोग अपने घरों की छत पर चढ़ गए और किसी तरह अपनी जान बचा पाए। प्रशासन ने ऐसे फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए वायु सेना के 4 हेलीकॉप्टर और NDRF के साथ आर्मी की भी मदद ली। करैरा ब्लॉक के चितरी गांव में फंसे 7 पुरुषों और 5 महिलाओं को NDRF की टीम ने रेस्क्यू कर सुरक्षित निकाला। इसी तरह नरवर के पास नवोदय विद्यालय में फंसे कई लोगों को भी सुरक्षित निकाला गया।

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हालात मुरैना के भी जुदा नहीं हैं। यहां चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से भी ऊपर जा चुका है, जिससे नदी किनारे बसे गांव जलमग्न हो गए हैं। गांव-गांव में पानी भरने से लोग बेघर हो गए हैं। उन तक अब तक ना तो कोई मदद ही पहुंची और ना ही कोई आस रह गई है। प्रशासन ने 89 गांवों में अलर्ट जारी कर गांवों को खाली करा लिया है।

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भिंड जिले में भी चंबल और सिंध नदी उफान पर हैं। करीब एक दर्जन गांव को खाली कराया जा चुका है, सबसे ज्यादा तबाही सिंध नदी मचा रही है। सिंध नदी के पानी में इंदुर्खी गांव के पास जबकि सिंध नदी का पुल पानी में डूब गया है। पुल से करीब दो किलो मीटर पर स्थित गांव में पानी आ चुका है। दतिया जिले में सिंध नदी पर बने सेंवढ़ा और इंदुर्खी पुल बह गए। इससे पहले मंगलवार को सिंध नदी के बहाव में रतनगढ़ वाली माता और लांच-पिछोर का पुल भी बह गया था।

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दतिया जिले की इंदरगढ़ तहसील में भी बाढ़ के हालात हैं। यहां तहसीलदार खुद सेना की नाव खराब होने के चलते फंसे हुए थे, जिन्हें 40 ग्रामीणों समेत रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। वहीं, बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने का काम लगातार जारी है। मंदसौर जिले की रहठड़ी पुलिया से बाइक सवार 3 लोग बह गए। हालांकि इनमें से 1 को तो बचा लिया गया जबकि दो लग अब भी लापता हैं जिनकी तलाश की जा रही है।

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डबरा की बात करें तो यहां भी जहां तक नजर जाती है पानी ही पानी नजर आता है। यहां सिंध नदी का रौद्र रूप डराने वाला है। जलस्तर बढ़ने से आसपास के गांवों में बाढ़ आ गई तो कई लोग गांवों को खाली कर निकल गए। वहीं, गांव में फंसे लोगों का बाहर निकाला गया और उनके खाने-पीने का इंतजाम भी किया गया। पिछले तीन दिन से हो रही भारी बारिश ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है।

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