तोमर ने मप्र में विस चुनाव में सांसदों को टिकट देने को लेकर कांग्रेस की आपत्ति पर सवाल उठाया
तोमर ने मप्र में विस चुनाव में सांसदों को टिकट देने को लेकर कांग्रेस की आपत्ति पर सवाल उठाया
ग्वालियर (मध्य प्रदेश), 26 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश भाजपा की चुनाव अभियान समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर ने आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को टिकट देने पर कांग्रेस की आपत्ति पर मंगलवार को सवाल उठाया।
एक सवाल के जवाब में तोमर ने कहा कि सभी पार्टी के कार्यकर्ता हैं, चाहे वह केंद्रीय मंत्री हों या सांसद। साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी ने उन्हें भी उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठाया है।
तोमर ने कहा, ”पार्टी की केंद्रीय समिति ने फैसला किया है कि ये लोग चुनाव लड़ेंगे। जब निर्णय हो चुका है और इसका पालन किया जा रहा है तो कांग्रेस को इस पर आपत्ति क्यों है?’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें उनकी उम्मीदवारी के बारे में पहले सूचित किया गया था, तोमर ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी थी क्योंकि पार्टी ने टिकट तय करने से पहले चर्चा की थी।
पूछा गया कि क्या और सांसद विधानसभा चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि आगे देखिए, क्या होता है।
भाजपा द्वारा सात लोकसभा सदस्यों को विधानसभा चुनाव में उतारने के बाद कांग्रेस ने दावा किया है कि यह सत्तारूढ़ दल का डर दिखाता है।
इस संबंध में पूछे जाने पर तोमर ने अपनी पार्टी की जीत का दावा करते हुए कहा कि कांग्रेस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता से डर गई है और विपक्षी दल के पास कोई मुद्दा नहीं है।
उन्होंने कांग्रेस की जन आक्रोश यात्रा को असफल करार देते हुए कहा, ”इस मार्च में न तो जन हैं, न ही कोई आक्रोश है।”
सोमवार को घोषित उम्मीदवारों की दूसरी सूची में, भाजपा ने तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय इंदौर-1 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास (एसटी), प्रहलाद सिंह पटेल को नरसिंहपुर से और नरेन्द्र सिंह तोमर को दिमनी से टिकट दिया गया है।
भाजपा द्वारा मौजूदा लोकसभा सदस्यों को टिकट देने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मप्र कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने दावा किया कि यह प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा हार स्वीकार करने जैसा है और उसने ‘झूठी उम्मीद का आखिरी दांव’ खेला है।
कमलनाथ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘ दूसरी सूची पर एक ही बात फिट है- नाम बड़े और दर्शन छोटे। भाजपा ने मप्र में अपने सांसदों को विधानसभा की टिकट देकर साबित कर दिया है कि भाजपा न तो 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत रही है, न 2024 के लोकसभा चुनाव में।”
उन्होंने कहा, “इसका सीधा अर्थ ये हुआ कि वो ये मान चुकी है कि एक पार्टी के रूप में तो वो इतना बदनाम हो चुकी है कि चुनाव नहीं जीत रही है, तो फिर क्यों न तथाकथित बड़े नामों पर ही दांव लगाकर देखा जाए।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ अपने को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहने वाली भाजपा को जब आज ये दिन देखने पड़ रहे हैं कि उसको (चुनाव) लड़वाने के लिए उम्मीदवार ही नहीं मिल रहे हैं, तो फिर वोट देने वाले कहां से मिलेंगे। भाजपा आत्मविश्वास की कमी के संकटकाल से जूझ रही है। अबकी बार भाजपा अपने सबसे बड़े गढ़ में, सबसे बड़ी हार देखेगी।“
कमलनाथ ने दावा किया, “कांग्रेस भाजपा से दोगुनी सीट जीतने जा रही है। भाजपा की डबल इंजन की सरकार डबल हार की ओर बढ़ रही है।’’
भाषा सं दिमो नोमान
नोमान

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