अब हार का हिसाब.. किनकी रिपोर्ट खराब? क्या हाईकमान खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों के खिलाफ करेगी कार्रवाई

अब हार का हिसाब.. किनकी रिपोर्ट खराब? Top leadership will take action against poor performing ministers

अब हार का हिसाब.. किनकी रिपोर्ट खराब? क्या हाईकमान खराब प्रदर्शन करने वाले मंत्रियों के खिलाफ करेगी कार्रवाई
Modified Date: November 29, 2022 / 07:53 pm IST
Published Date: August 5, 2022 10:48 pm IST

(रिपोर्टः सुधीर दंडोतिया) Top leadership will take action  भोपालः मध्यप्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी ज्यादा खुश नहीं है. 16 नगर निगमों में से 7 पर ही बीजेपी के मेयर बने। चूंकि बीजेपी संगठन ने जीत की जिम्मेदारी मंत्रियों को सौंपी थी..ऐसे में जहां जहां पार्टी का प्रदर्शन खऱाब रहा वहां संगठन अब हार का हिसाब करने जा रहा है..ऐसी चर्चा है कि समीक्षा के बाद बीजेपी कार्रवाई के मूड में है। अब सवाल है कि ऐसे मंत्रियों की संख्या कितनी है। जिनकी रिपोर्ट खऱाब है, क्या इनके खिलाफ भी बीजेपी कार्रवाई के मूड में भी है।

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Top leadership will take action  जहां-जहां बीजेपी अपने विरोधी पर भारी पड़ी। वहां नेता और कार्यकर्ता जश्न मनाते नजर आए। खैर जीत की बात तो हो गई। अब पार्टी जश्न के मूड से बाहर आकर समीक्षा के मोड में आ चुकी है। बताया जा रहा है कि खराब प्रदर्शन और गुटबाजी पर अंकुश लगाने में नाकाम रहे मंत्रियों के कामों की समीक्षा की जायेगी।

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दरअसल बीजेपी संगठन ने अलग-अलग जिलों में मंत्रियों को जीत की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिन मंत्रियों के इलाके में पार्टी ने खराब प्रदर्शन किया है, उनमें मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ मोहन यादव, बिसाहूलाल सिंह टॉप पर हैं। तीनों ही मंत्रियों के प्रभार वाले जिलों में महापौर और जिला पंचायत अध्यक्ष पद बीजेपी को नहीं मिला है।

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खनिज मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह के प्रभार जिला सिंगरौली में मेयर और जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ नर्मदापुरम में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद बीजेपी ने खोया है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन के प्रभार के जिले राजगढ़ और डिंडौरी में बीजेपी के जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं बने हैं। उज्जैन में मेयर के चुनाव में भी उनके क्षेत्र से बीजेपी का परफार्मेंस बहुत अच्छा नहीं रहा है। इन जिलों में मंत्री कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क में कमी के चलते निकाय चुनाव में वोटर्स कों पार्टी के पक्ष में लाने में नाकाम रहे है। इसके अलावा अनूपपुर की प्रभारी मंत्री मीना सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए लॉबिंग करने में नाकाम रही, जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा। मंत्री बिसाहूलाल सिंह के प्रभार के जिले रीवा में मेयर कांग्रेस को गया है। मंत्रियों के खराब प्रदर्शन पर कांग्रेस भी चुटकी ले रही है।

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पिछली बार प्रदेश के सभी नगर निगमों पर जीत हासिल करने वाली बीजेपी इस बार महज 9 नगर निगमों में ही मेयर बना सकी है। सत्तासीन होने के बाद भी 10 जिलों में पंचायत अध्यक्षों का चुनाव बीजेपी हारी है। ये हार भी उन जिलों में हुई है..जहां पर पार्टी के विधायक और सांसद भी हैं। ऐसे में हाईकमान खराब प्रदर्शन करने वालों मंत्रियों से हार का हिसाब लेने के मूड में है। मिशन 2023 की तैयारियों में जुटी बीजेपी इन मंत्रियों के खराब परफॉर्मेंस को किस तरह से लेती है? ये बड़ा सवाल है।

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।