Face to Face MadhyaPradesh: दंबग कुछ भी करें.. दलित को सहना होगा! मध्यप्रदेश में क्यों नहीं थम रहे दलित प्रताड़ना के केस, क्या दलितों की गरिमा बचाने में नाकाम है सिस्टम? देखिए ये वीडियो

दंबग कुछ भी करें.. दलित को सहना होगा! Why cases of Dalit harassment are not stopping in Madhya Pradesh

Face to Face MadhyaPradesh: दंबग कुछ भी करें.. दलित को सहना होगा! मध्यप्रदेश में क्यों नहीं थम रहे दलित प्रताड़ना के केस, क्या दलितों की गरिमा बचाने में नाकाम है सिस्टम? देखिए ये वीडियो
Modified Date: May 24, 2025 / 12:08 am IST
Published Date: May 23, 2025 11:54 pm IST

राजगढ़ः Face to Face MadhyaPradesh दिल चाहा तो सिर मुड़ा दिया.. कालिख पोत दी.. गांव में जुलूस निकाल दिया। यह लगातार हो रहा है। राजगढ़ जिले में फिर एक ऐसी ही घटना पेश आई है। अब इसके बाद सवाल यह उठता है कि क्या दलित होना गुनाह है? सवाल यह भी है कि तमाम सख्त धाराएं और पूरा सिस्टम मिलकर भी दलितों की गरिमा की रक्षा आखिर क्यों नहीं कर पा रहे हैं? और इसके साथ सवाल यह उठ खड़ा होता है कि मध्य प्रदेश में दलित प्रताड़ना के केस थम क्यों नहीं रहे हैं? क्या दलितों का अपमान करने वालों को कानून का डर नहीं सताता? दलितों की गरिमा बचाने में क्यों नाकाम है सिस्टम?

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Face to Face MadhyaPradesh दरअसल, राजगढ़ के छावड़ा गांव में दो दलित युवकों के साथ अत्याचार की इंतहा हो गई। गांव के ही दबंगों ने इन दोनों दलित युवकों के साथ मारपीट की। फिर दोनों के चेहरे पर कालिख पोती। इसके बाद दोनों को जूते चप्पलों की माला भी पहनाई और गांव में इनका जुलूस निकाला। असल में पीड़ितों ने दबंगों से ₹6 लाख कर्ज लिया था। पीड़ित दबंगों को कर्ज वापस लौटाने की तैयारी भी कर रहे थे। इसी बीच दबंगों ने पीड़ितों के 10 बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया और जब वह जमीन वापस लेने गए तो दबंगों को यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने दलितों से कहा कि एक बीघा जमीन वापस ले लो बाकी जमीन रुपयों के बदले समायोजित कर लें। जब पीड़ितों ने इससे इंकार कर दिया तो दबंगों ने अत्याचार की इंतहा पार कर दी। दंबगों ने इन दलितों को पहले कालिख पोती, फिर जूते चप्पल की माला पहनाई और पूरे गांव में घुमाया।.

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एक तरफ ग्वालियर में भीम आर्मी के कार्यकर्ता बाबा साहब की प्रतिमा को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरी तरफ राजगढ़ में दलित के साथ दबंगों ने इंतहा की सारी हदें पार कर दी। अब इनका साथ देने के लिए कांग्रेस भी मैदान में कूद गई है। कांग्रेस का कहना है कि अगर अपराधियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हुई तो कांग्रेस प्रदर्शन करेगी। दूसरी तरफ बीजेपी का कहना है कि वंचित वर्ग के साथ अपराधों में कमी आई है। बीजेपी जब यह कह रही है कि वंचितों के साथ अपराधों में कमी आई है तो राजगढ़ में दलितों के साथ क्या हुआ? सवाल कांग्रेस से भी है। अगर दलितों के आप इतने ही हमदर्द हैं तो अब तक आपने क्या किया? सवाल हुक्मरानों से भी है कि मध्य प्रदेश में दलित प्रताड़ना के केस थम क्यों नहीं रहे हैं?

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।