“वाह री राजधानी पुलिस” बाइक चोरों को पकड़ने में छूट रहा पसीना
Invoice came home after the bike was stolen: "वाह री राजधानी पुलिस", बाइक चोरों को पकड़ने में छूट रहा पसीना
Invoice came home after the bike was stolen
Invoice came home after the bike was stolen: भोपाल। (सतेंद्र भदौरिया) राजधानी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति की बाइक चार महीने पहले चोरी हुई थी। चोरी होने के बाद अब वाहन मालिक के घर जुर्माना भेजा गया। इससे ये साबित होता है कि पुलिस चोरों को पकड़ने में नाकामयाब है और चोर पुलिस के नाक के नीचे ही राजधानी में बाइक दौड़ा रहा है। दरअसल, 23 मार्च 2022 को हमीदिया अस्पताल इलाज कराने आया था। यहां उसने अपनी बाइक पार्किंग में लगाई। बकायदा उसने पार्किंग की पर्ची भी कटवाई लेकिन इलाज कराने के बाद जब लखन मीणा वापस लौटा तो उसकी बाइक चोरी हो गई थी। 〈 >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<< 〉
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चार महीने पहले चोरी हुई बाइक, जुर्माना भेजा वाहन मालिक के घर
Invoice came home after the bike was stolen: बाइक चोरी होने के बाद पीड़ित ने थाने पहुंचा यहां पहले तो पुलिस ने रिपोर्ट लिखने में आनाकानी की फिर रिपोर्ट न लिखने के लिए पुलिस ने फरियादी को पार्किंग ठेकेदार से 10 हज़ार रुपए देने का ऑफर दिलवा दिया। लेकिन फरियादी शहर में हो रहे अपराधों को लेकर जागरुक था। लिहाज़ा उसने 10 हजार रुपयों के बजाए रिपोर्ट लिखने की जिद कर दी। जिसके बाद 24 मार्च 2022 को कोहेफिजा थाने में रिपोर्ट लिखी गई। लेकिन चार महीने बाद यानि 22 जून को पुलिस ने लखन मीणा के घर हेलमेट नहीं लगाने के जुर्म में 250 रुपए का चालान स्पीड पोस्ट कर दिया। ऐसा तब हुआ जब शहर की निगहबानी करने वाली पुलिस की तीसरी आंख मतलब सीसीटीवी कैमरे ने चोर को बाइक चलाते हुए देख लिया।
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चोर पुलिस के नाक के नीचे ही राजधानी में दौड़ा रहा बाइक
Invoice came home after the bike was stolen: मध्यप्रदेश में दो जिले भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हुए 8 महीनों से ज्यादा का वक्त हो गया है। लेकिन आज भी शहर में चोर पुलिस का खेल चल रहा है। चोर आगे हैं पुलिस पीछे। पुलिस लाख कोशिश कर रही है चोर तक पहुंचने के लिए लेकिन चोर पुलिस को इस तरह गच्चा दे रहे हैं कि पुलिस चोरों के सामने पानी भरती नज़र आ रही है। ये हाल तब है जब राजधानी भोपाल मैदानी पदस्थापना में 8 पुलिस कप्तानों का कुनबे के साथ पुलिस कप्तानों के साथ अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर और एक पुलिस कमिश्नर है। इनके नीचे एडीशनल डीसीपी, एसीपी और इंस्पेक्टरों की भरमार हैं। हज़ारों सिपाही हैं फिर भी चोर आसानी से पुलिस को चूना लगा रहे हैं।

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