Yellow alert issued in 25 districts of the state, Meteorological Department

प्रदेश के 25 जिलों में येलो अलर्ट जारी, मौसम विभाग ने सिस्टम को लेकर कही ये बात

MP Weather update: प्रदेश के 26 जिलों में येलो अलर्ट जारी, Meteorological Department said this about the system

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : September 14, 2022/7:22 am IST

भोपाल। MP Weather update: मध्यप्रदेश में एक बाद फिर मानसून एक्टिव हो गया है। तीन मानसूनी सिस्टम के एक्टिव होने से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगातार नमी आने का सिलसिला बना हुआ है, जिसके चलते मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। मौसम केंद्र भोपाल के मुताबिक बुधवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, जबलपुर संभागों के जिलों में झमाझम वर्षा होने की संभावना है। सेंट्रल मध्य प्रदेश में बने वेलमार्क लो मानसूनी सिस्टम के कारण तेज बारिश हो रही रही है मौसम केंद्र ने नर्मदा पुरम सहित 10 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट और भोपाल सहित 25 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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MP Weather update: बता करें रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, विदिशा, छिंदवाड़ा, सागर, टीकमगढ़, दमोह, छतरपुर निवाड़ी जिलें की तो अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। वहीं धार, गुना, खंडवा, शिवपुरी, खरगौन, सीहोर, अशोक नगर, अलीराजपुर, झाबुआ, पन्ना, नीमच, मंडला, शाजापुर, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, मंदसौर जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी है। राजधानी भोपाल में सीजन की कुल 1782.7 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है। आंकड़ो के मुताबिक वर्ष 1950 से अभी तक वर्ष 1973 में भोपाल में सीजन में 1877 मिमी. वर्षा हुई थी, यानी राजधानी में 49 साल में दूसरी बार सीजन की ज्यादा बारिश है। मौसम विशेषज्ञ की माने तो मध्य प्रदेश के मध्य में एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।

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MP Weather update: कोंकण पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर मध्य प्रदेश के मध्य में बने कम दबाव के क्षेत्र से हाेकर बंगाल की खाड़ी तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। मानसून ट्रफ जैसलमेर, कोटा, गुना, पेंड्रारोड, जमशेदपुर, दीघा से होकर बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है। इन तीन मौसम प्रणालियों के कारण बंगाल की खाड़ी के अलावा अरब सागर से भी नमी मिल रही है। इस वजह से मप्र में रुक-रुककर बारिश हो रही है। बारिश का सिलसिला शुक्रवार तक बना रह सकता है। 18 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक और कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिले हैं।

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