Mahashivratri 2025/ Image Credit: IBC24 File
Mahashivratri 2025: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का बहुत ही खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसे उनके विवाह की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक करना शुभ फलदायी माना जाता हैं। कहा जाता है कि, इस दिन व्रत रखने और भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहा और सुयोग्य जीवनसाथी मिलने का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी। लेकिन शिव पूजा के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होता है। शिवलिंग पर कुछ चीजें चढ़ाना वर्जित माना जाता है। तो चलिए जानते हैं इन चीजों के बारे में।
तुलसी: तुलसी को विष्णु जी का प्रिय माना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने तुलसी के पति जालंधर का वध किया था, इस कारण तुलसी शिवजी को प्रिय नहीं है। इसलिए शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाए जाते।
केतकी का फूल: पौराणिक कथा के अनुसार, केतकी के फूल ने भगवान शिव के प्रति असत्य बोला था। इसलिए इसे शिवलिंग पर चढ़ाना निषिद्ध है।
नारियल: नारियल को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इसलिए इसे शिवलिंग पर चढ़ाना उचित नहीं माना जाता।
हल्दी: हल्दी को स्त्रीत्व का प्रतीक माना जाता है। जबकि शिवजी वैरागी स्वभाव के हैं। इसलिए शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ाई जाती।
कुमकुम: कुमकुम को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। शिवजी वैरागी स्वभाव के हैं, इसलिए शिवलिंग पर कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता।
टूटे हुए चावल: टूटे हुए चावल को अशुभ माना जाता है। इसलिए इसे शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए।
शंख: शिवलिंग पर शंख से जल चढ़ाना वर्जित है। मान्यता है कि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था।
तांबे का बर्तन: तांबे के बर्तन में जल भरकर शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित है।
चंपा के फूल: चंपा के फूल को भी शिवलिंग पर चढ़ाना वर्जित माना जाता है।