Union Minister Jyotiraditya Scindia in Mahakumbh || केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंचे प्रयागराज संगम

Jyotiraditya Scindia in Mahakumbh: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया ‘संगम का आचमन’.. महाकुंभ को बताया ‘पवित्र और दुर्लभ अवसर’..

महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंतता को भी दर्शाता है। इस आयोजन की भव्यता, प्रशासनिक व्यवस्था और श्रद्धालुओं की श्रद्धा इसे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक बनाती है।

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Modified Date: February 13, 2025 / 06:45 PM IST
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Published Date: February 13, 2025 6:45 pm IST
HIGHLIGHTS
  • समूचे विश्व में हो रही है प्रयागराज महाकुंभ की चर्चा
  • देश-दुनिया के दिग्गज हस्तियों ने लगाईं आस्था की डुबकी
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी किया माँ गंगा का आचमन

Union Minister Jyotiraditya Scindia in Mahakumbh: प्रयागराज : यहां आयोजित महाकुंभ की भव्यता और पवित्रता आज पूरे विश्व में चर्चा का विषय बनी हुई है। देशभर से श्रद्धालु इस पावन आयोजन में सम्मिलित होने के लिए उमड़ रहे हैं और त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। अब तक 48 करोड़ से अधिक श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर चुके हैं। इनमें न केवल आमजन शामिल हैं, बल्कि राजनीति, उद्योग, कला और सिनेमा जगत की दिग्गज हस्तियां भी संगम में आस्था व्यक्त कर चुकी हैं।

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राजनीति हस्तियों ने लगाईं आस्था की डुबकी

महाकुंभ के इस पावन अवसर पर देश के कई विशिष्ट व्यक्तियों ने भी पुण्य लाभ लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद समेत अन्य कई प्रमुख नेता इस आध्यात्मिक आयोजन में सम्मिलित हुए। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री और उनकी कैबिनेट के सदस्य भी संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। कुछ नेता अपने परिजनों के साथ आए तो कुछ ने सरकारी प्रतिनिधिमंडल के साथ इस दिव्य आयोजन का हिस्सा बने।

महाकुंभ की दिव्यता पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने क्या कहा?

Union Minister Jyotiraditya Scindia in Mahakumbh: महाकुंभ के दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मां गंगा की विधिवत पूजा-अर्चना की और इस पावन आयोजन की व्यवस्था का अवलोकन किया। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “यह एक अत्यंत पवित्र और दुर्लभ अवसर है, जब विश्वभर से लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर पवित्र स्नान के लिए एकत्रित होते हैं। यह हम सभी के लिए एक दैवीय और आध्यात्मिक क्षण है।”

महाकुंभ न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं की जीवंतता को भी दर्शाता है। इस आयोजन की भव्यता, प्रशासनिक व्यवस्था और श्रद्धालुओं की श्रद्धा इसे विश्व के सबसे बड़े धार्मिक उत्सवों में से एक बनाती है।

1. महाकुंभ 2025 का आयोजन कब और कहां हो रहा है?

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में हो रहा है। यह पवित्र आयोजन जनवरी से मार्च 2025 के बीच संपन्न होगा।

2. महाकुंभ में मुख्य स्नान पर्व कौन-कौन से हैं?

महाकुंभ में प्रमुख स्नान पर्व इस प्रकार हैं: मकर संक्रांति (14-15 जनवरी) मौनी अमावस्या (29 जनवरी) बसंत पंचमी (3 फरवरी) माघ पूर्णिमा (12 फरवरी) महाशिवरात्रि (26 फरवरी)

3. महाकुंभ में स्नान करने का धार्मिक महत्व क्या है?

ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह अवसर अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है।

4. महाकुंभ में आने के लिए रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता है क्या?

सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए किसी विशेष रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं रखी है, लेकिन बेहतर अनुभव और सुविधाओं का लाभ लेने के लिए आधिकारिक वेबसाइट या प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना उचित होगा।

5. महाकुंभ में सुरक्षा और प्रशासन की क्या व्यवस्था है?

महाकुंभ के दौरान सुरक्षा के लिए हजारों पुलिसकर्मी, पैरा-मिलिट्री फोर्स और ड्रोन कैमरों की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, चिकित्सा सुविधाएं, यातायात प्रबंधन और ठहरने की विशेष व्यवस्थाएं भी की गई हैं।
 
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