मुंबई में आवासीय इमारत ढहने से 10 लोगों की मौत, 13 अन्य घायल

मुंबई में आवासीय इमारत ढहने से 10 लोगों की मौत, 13 अन्य घायल

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  • Publish Date - June 28, 2022 / 06:16 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

मुंबई, 28 जून (भाषा) मुंबई में सोमवार देर रात चार मंजिला आवासीय इमारत ढहने से 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोग घायल हो गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अधिकारियों ने कहा कि नाइक नगर सोसाइटी में स्थित इमारत का एक हिस्सा ढह गया, जबकि एक अन्य हिस्से को भी खाली करा लिया गया है।

एक अधिकारी ने बताया कि आधी रात से अब तक 23 लोगों को मलबे से निकाला गया है। उनमें से दस को मृत घोषित कर दिया गया है, चार को अस्पतालों में भर्ती कराया गया और नौ को इलाज के बाद अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है।

अधिकारियों ने बताया कि घायलों को घाटकोपर तथा सायन के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

इससे पहले बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) के आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने बताया कि दमकल विभाग के अनुसार, इमारत के मलबे में सात-आठ लोग ही फंसे हुए हैं, जबकि पुलिस को संदेह है कि मलबे के नीचे और लोग हो सकते हैं।

चहल ने कहा, ‘‘ मैंने दमकल विभाग और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) से सावधानी से (खोज एवं बचाव) अभियान चलाने का आह्वान किया है, क्योंकि मलबे के नीचे अब भी कुछ और जिंदा लोग हो सकते हैं।’’

एनडीआरएफ के एक दल ने मलबे में फंसी एक महिला को जिंदा बाहर निकाला है।

अधिकारी ने बताया कि दमकल कर्मी मलबे में फंसे अन्य लोगों की तलाश के लिए अभियान चला रहे हैं।

उन्होंने बताया कि दमकल की करीब 12 गाड़ियों के अलावा, दो बचाव वैन मौके पर तैनात हैं।

दमकल विभाग और एनडीआरएफ के दल नगर निकाय के कर्मचारियों और पुलिस के साथ घटनास्थल पर खोज एवं बचाव अभियान को अंजाम दे रहे हैं।

एनडीआरएफ के कमांडेंट अनुपम श्रीवास्तव ने बताया कि उनके दो दल खोज एवं बचाव कार्य में जुटे हैं।

अतिरिक्त निगम आयुक्त अश्विनी भिड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बृहन्मुंबई महानगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई नगर निगम अधिनियम के प्रावधानों के तहत 2013 से कई बार इस इमारत की मरम्मत कराने के लिए, फिर उसे खाली करने और गिराने के लिए नोटिस जारी किए।

खोज एवं बचाव अभियान का मुआयना करने मंगलवार को घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी ने कहा, ‘‘ यहां तक कि नियमों का पालन ना करने वालों के खिलाफ मुकदमा भी शुरू किया गया। बाद में, इमारत में रहने वाले लोगों ने संरचनात्मक ‘ऑडिट’ फिर से करवाया और भवन को मरम्मत के लायक होने की श्रेणी में डाला गया, लेकिन मरम्मत नहीं कराई गई।’’

भिड़े ने बताया कि बीएमसी द्वारा इमारत खाली करने की लगातार कोशिशों के बावजूद लोग वहां रहते रहे। उन्होंने बताया कि इमारत के निवासियों ने एक हलफनामा दिया था कि वे अपने जोखिम पर वहां रहेंगे।

महाराष्ट्र के पर्यावरण एवं पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी घटनास्थल का दौरा किया और खोज एवं बचाव अभियान की समीक्षा की।

इस महीने महानगर में इमारत गिरने की यह तीसरी बड़ी घटना है। 23 जून को चेंबूर इलाके में दो मंजिला औद्योगिक ढांचे का एक हिस्सा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हुए थे। नौ जून को उपनगरीय बांद्रा में तीन मंजिला आवासीय इमारत गिर गई थी, जिसमें 55 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 18 अन्य लोग घायल हुए थे।

भाषा जोहेब शोभना

शोभना