सरकारी अधिकारियों के संघ ने भादंवि की धारा 353 को हल्का करने के प्रस्ताव का विरोध किया

सरकारी अधिकारियों के संघ ने भादंवि की धारा 353 को हल्का करने के प्रस्ताव का विरोध किया

सरकारी अधिकारियों के संघ ने भादंवि की धारा 353 को हल्का करने के प्रस्ताव का विरोध किया
Modified Date: September 15, 2023 / 08:48 pm IST
Published Date: September 15, 2023 8:48 pm IST

ठाणे, 15 सितंबर (भाषा) राजपत्रित अधिकारियों के एक संघ ने शुक्रवार को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 353 को हल्का करने के महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया, जो ‘एक लोक सेवक को कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमले’ के अपराध से संबंधित है।

राजपत्रित अधिकारी महासंघ के महासचिव मनोज सनप ने यहां मीडिया को बताया कि महासंघ के पदाधिकारियों ने सरकार को संबोधित ज्ञापन विभिन्न जिलों में कलेक्टरों को सौंपा।

गृह विभाग की भी जिम्मेदारी संभालने वाले उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने जुलाई में विधानसभा में कहा था कि सरकार धारा 353 में कड़े संशोधनों को हल्का करने की योजना बना रही है क्योंकि पुलिस द्वारा राजनेताओं के खिलाफ इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।

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महासंघ ने कहा कि सरकारी अधिकारियों को अक्सर हमले या दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है, और भादंवि की धारा से कड़े प्रावधानों को हटाना अनुचित था।

इस धारा के तहत ऐसे किसी भी व्यक्ति को सजा देने का प्रावधान है जो ऐसे व्यक्ति के साथ मारपीट करता है या आपराधिक बल का उपयोग करता है, जो एक लोक सेवक है और इस तरह के लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्य को निभा रहा है। इसके तहत दोषी पाए जाने पर दो वर्ष तक कारावास, या जुर्माना, या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।

यह अपराध गैर जमानती है।

भाषा प्रशांत पवनेश

पवनेश


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