बीएआरसी ने विकसित की भारत की पहली उत्परिवर्तित केले की किस्म ‘कावेरी वामन’

बीएआरसी ने विकसित की भारत की पहली उत्परिवर्तित केले की किस्म ‘कावेरी वामन’

बीएआरसी ने विकसित की भारत की पहली उत्परिवर्तित केले की किस्म ‘कावेरी वामन’
Modified Date: November 27, 2025 / 12:51 am IST
Published Date: November 27, 2025 12:51 am IST

मुंबई, 26 नवंबर (भाषा) भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) ने बुधवार को बताया कि उसने भारत की पहली उत्परिवर्तित (म्यूटेंट) केले की किस्म ‘कावेरी वामन’ विकसित की है, जो आकार में छोटी है और तटीय क्षेत्रों में आने वाली तेज हवाओं का सामना कर सकती है।

‘ट्रोम्बे बनाना म्यूटेंट-9’ (टीबीएम-9) को हाल में भारत सरकार ने ‘कावेरी वामन’ नाम से जारी करने की मंजूरी दी है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है, “यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि ‘कावेरी वामन’ न केवल भारत की पहली उत्परिवर्तित केले की किस्म है, बल्कि यह बीएआरसी द्वारा विकसित और जारी की गई पहली फल फसल भी है।”

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कावेरी वामन के शामिल होने के साथ, बीएआरसी द्वारा जारी की गई उन्नत फसल किस्मों की कुल संख्या अब 72 हो गई है।

परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग (एईसी) के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने कहा कि टीबीएम-9 का जारी होना, आयनीकरण विकिरण के उपयोग से भारत में बागवानी फसलों के सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है।

भाषा खारी संतोष

संतोष


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