हिंदी को नजरअंदाज नहीं कर सकते, लेकिन इसे पहली कक्षा से अनिवार्य नहीं बनाये: शरद पवार |

हिंदी को नजरअंदाज नहीं कर सकते, लेकिन इसे पहली कक्षा से अनिवार्य नहीं बनाये: शरद पवार

हिंदी को नजरअंदाज नहीं कर सकते, लेकिन इसे पहली कक्षा से अनिवार्य नहीं बनाये: शरद पवार

हिंदी को नजरअंदाज नहीं कर सकते, लेकिन इसे पहली कक्षा से अनिवार्य नहीं बनाये: शरद पवार
Modified Date: June 26, 2025 / 06:09 pm IST
Published Date: June 26, 2025 6:09 pm IST

पुणे, 26 जून (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी को कक्षा एक से अनिवार्य नहीं बनाया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यदि नई भाषा पढ़ानी है तो इसकी शुरुआत कक्षा पांच के बाद की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘हिंदी को प्राथमिक शिक्षा में अनिवार्य नहीं बनाना चाहिए। कक्षा पांच के बाद हिंदी (की पढ़ाई) शुरू करने पर कोई आपत्ति नहीं है। देश का एक बड़ा वर्ग हिंदी बोलता है और ऐसे में पूरी तरह से इस भाषा को नजरअंदाज़ करने की कोई वजह नहीं है।’

हालांकि, पवार ने कहा कि प्राथमिक स्तर पर युवा छात्रों पर अतिरिक्त भाषाओं का बोझ डालना उचित नहीं है।

पवार (80) की यह टिप्पणी महाराष्ट्र में भाषा विवाद के बीच आई है, जो पिछले सप्ताह राज्य सरकार द्वारा एक संशोधित आदेश जारी करने के बाद शुरू हुआ था, जिसमें कहा गया था कि हिंदी को आम तौर पर कक्षा एक से पांच तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में छात्रों को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा।

पवार ने प्रारंभिक शिक्षा में मातृभाषा के महत्व पर जोर दिया और कहा कि माता-पिता को यह निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए कि उनके बच्चों को कक्षा पांच के बाद हिंदी सीखने की आवश्यकता है या नहीं।

उन्होंने कहा कि यह विश्लेषण करना भी महत्वपूर्ण है कि प्रारंभिक स्तर पर छात्र भाषा का कितना बोझ उठा सकते हैं।

उन्होंने कहा, ‘अगर हम छात्रों पर दूसरी भाषा का बोझ डालेंगे और इस प्रक्रिया में मातृभाषा को दरकिनार कर दिया जाएगा, तो यह उचित नहीं है। राज्य सरकार को कक्षा एक से हिंदी अनिवार्य करने की अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए।’

पवार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर शिवसेना (उबाठा) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई तथा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे के रुख का समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर मराठी भाषी लोग इस मुद्दे पर एकजुट होते हैं तो यह अच्छी बात है।

ठाकरे भाइयों ने भाजपा नीत राज्य सरकार पर भाषा के आधार पर लोगों में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया है।

भाषा योगेश पवनेश

पवनेश

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