केंद्र को आसन्न खतरे के बारे में लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था: अमेरिकी शुल्क पर उद्धव ठाकरे
केंद्र को आसन्न खतरे के बारे में लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था: अमेरिकी शुल्क पर उद्धव ठाकरे
(तस्वीर के साथ)
मुंबई, तीन अप्रैल (भाषा) शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र को अमेरिकी शुल्क के ‘आसन्न खतरे’ और इसे कम करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था।
ठाकरे ने यहां प्रेसवार्ता में कहा कि संसद के दोनों सदनों को अन्य सभी कार्य अलग रखकर भारत पर अमेरिका के जवाबी शुल्क के प्रभाव पर चर्चा करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री को देश को विश्वास में लेना चाहिए था तथा इसके प्रभावों को कम करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में सूचित करना चाहिए था। अगर उन्होंने ऐसा रुख अपनाया होता, तो उनकी (शिवसेना उबाठा) पार्टी सरकार का समर्थन करती।’’
ठाकरे ने शुल्क घोषणा को एक आसन्न आर्थिक खतरा बताया।
शिवसेना (उबाठा) प्रमुख ने सरकार पर हमला करते हुए कहा, ‘‘हम इसके (अतिरिक्त शुल्क) बारे में कुछ नहीं कर सकते। हम पाकिस्तान को चेतावनी दे सकते हैं, हम चीन के साथ ऐसा नहीं कर सकते और अमेरिका के साथ ऐसा करने की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसलिए (शुल्क के प्रभाव को) सहन करते रहें और लोगों को पता न चले, इसके लिए अलग-अलग मुद्दे उठाते रहें।’’
वैश्विक स्तर पर अमेरिकी उत्पादों पर लगाए गए उच्च शुल्क का मुकाबला करने के लिए अमेरिका ने लगभग 60 देशों पर 10 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक का जवाबी शुल्क लगाया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 27 प्रतिशत जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की और कहा कि नयी दिल्ली अमेरिकी वस्तुओं पर उच्च आयात शुल्क लगाती है।
भाषा
राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल

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