कांग्रेस ने बारिश से प्रभावित महाराष्ट्र के किसानों को तत्काल सहायता देने की मांग की
कांग्रेस ने बारिश से प्रभावित महाराष्ट्र के किसानों को तत्काल सहायता देने की मांग की
मुंबई, 27 मई (भाषा) महाराष्ट्र कांग्रेस ने महायुति सरकार से नौकरशाही प्रक्रियाओं को अलग रखने और बारिश के कारण फसलों को हुए नुकसान के लिए किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ या 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय राहत प्रदान करने की मंगलवार को मांग की।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने मुंबई में सोमवार को मानसून की पहली बारिश के बाद कई स्थानों पर जलभराव और लोगों को हुई असुविधा के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार की आलोचना भी की।
उन्होंने कहा कि राज्य में किसान पहले से ही संघर्ष कर रहे हैं, भारी बारिश ने उनकी स्थिति को और भी जटिल बना दिया है, क्योंकि मूसलाधार बारिश से फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है तथा जो फसलें तैयार थीं, वे भी बर्बाद हो गईं।
सपकाल ने मांग की, “प्रकृति अप्रत्याशित हो गई है, लेकिन (मुख्यमंत्री देवेंद्र) फडणवीस की तानाशाही सरकार किसानों और आम लोगों से मुंह मोड़ रही है। तत्काल मदद की जरूरत है और सरकार को नौकरशाही प्रक्रियाओं को अलग रखना चाहिए और प्रभावित किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ या 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की सीधी वित्तीय राहत प्रदान करनी चाहिए।’
सपकाल ने पत्रकारों से बात करते हुए जोर देकर कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान, जब भी किसानों पर संकट आया, उन्हें तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान की गई – चाहे वह कीटों, ओलावृष्टि या बेमौसम बारिश के कारण हो।
हालांकि, उन्होंने दावा किया कि भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की मौजूदा सरकार में संकट के समय किसानों की मदद की इच्छाशक्ति का अभाव है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि केवल सर्वेक्षण के लिए कहने और खोखले आश्वासन देने से मदद नहीं मिलेगी और वास्तविक सहायता बिना देरी के किसानों तक पहुंचनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम (जून-अक्टूबर) संकट की छाया में शुरू होने को है और किसान पहले से ही परेशान हैं। ऋण माफी की घोषणा अब तक नहीं की गई है और ऋण पुनर्गठन भी नहीं हुआ है।
सपकाल ने कहा, ‘सरकार के पास आगामी फसल चक्र के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। कांग्रेस किसानों पर वित्तीय बोझ कम करने के लिए उन्हें मुफ्त बीज और उर्वरक देने की मांग करती है।’
उन्होंने कहा कि मानसून की पहली बारिश ने ही भाजपा नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के खोखले दावों की पोल खोल दी है, खासकर मुंबई में, जहां जगह- जगह जलभराव हुआ और रेल तथा सड़क यातायात बाधित हुआ है।
सपकाल ने कहा, ‘जब महाराष्ट्र प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा था, तब राज्य मंत्रिमंडल (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह को खुश करने में व्यस्त था। राज्य के मंत्री जनता की मदद करने के बजाय अपनी कुर्सी बचाने के प्रयास में हैं।”
भाषा नोमान अविनाश
अविनाश

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