कांग्रेस नेताओं ने की शरद पवार से मुलाकात, बीएमसी चुनाव मिलकर लड़ने पर हुई चर्चा

कांग्रेस नेताओं ने की शरद पवार से मुलाकात, बीएमसी चुनाव मिलकर लड़ने पर हुई चर्चा

कांग्रेस नेताओं ने की शरद पवार से मुलाकात, बीएमसी चुनाव मिलकर लड़ने पर हुई चर्चा
Modified Date: November 19, 2025 / 08:21 pm IST
Published Date: November 19, 2025 8:21 pm IST

मुंबई, 19 नवंबर (भाषा) मुंबई नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा के कुछ दिन बाद कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को “स्वाभाविक सहयोगी” और राकांपा (एसपी) के अध्यक्ष शरद पवार के साथ गठबंधन पर चर्चा की।

कांग्रेस ने कहा कि वह ‘समान विचारधारा वाले दलों’ के साथ मिलकर बृह्नमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव लड़ना चाहती है और गठबंधन के बारे में जल्द ही फैसला लिया जाएगा।

हालांकि, कांग्रेस राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) से हाथ मिलाने को तैयार नहीं दिख रही है। गायकवाड़ ने कहा कि कांग्रेस उन लोगों के साथ गठबंधन नहीं कर सकती जो कानून अपने हाथ में लेते हैं या धमकी देते हैं।

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मुंबई कांग्रेस प्रमुख वर्षा गायकवाड़ के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल की पवार से मुलाकात के बाद पवार की बेटी और राकांपा (एसपी) की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने कहा कि पार्टी महाराष्ट्र और मुंबई के हित में उठाए गए किसी भी कदम का समर्थन करेगी, बशर्ते वह संवैधानिक ढांचे के भीतर हो।

राज्य में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) समेत नगर निगमों के चुनाव जनवरी 2026 में होने की उम्मीद है।

मुंबई में 2017 में हुए पिछले नगर निकाय चुनाव में, कांग्रेस का प्रदर्शन खराब रहा था और उसने केवल 30 सीट जीती थीं। शनिवार को, मुंबई में कांग्रेस की एक दिन की बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र प्रभारी रमेश चेन्निथला ने घोषणा की थी कि पार्टी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ेगी और सभी 227 वार्ड में उम्मीदवार उतारेगी।

बुधवार को गायकवाड़ ने पार्टी विधायकों अमीन पटेल, असलम शेख और ज्योति गायकवाड़ के साथ पवार से उनके आवास ‘सिल्वर ओक’ पर मुलाकात की। गायकवाड़ ने कहा कि पवार कांग्रेस के स्वाभाविक सहयोगी हैं।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘वह एक वरिष्ठ नेता हैं और मैं उनसे निकाय चुनावों पर चर्चा करने और हमारे साथ जुड़ने का अनुरोध करने गई थी। निकाय चुनाव पार्टी कार्यकर्ताओं का चुनाव है, यही वजह है कि कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।’

कांग्रेस और राकांपा (एसपी) विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के घटक दल हैं, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (उबाठा) भी शामिल है।

बाद में पत्रकारों से गायकवाड़ ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा (शप) ‘स्वाभाविक साझेदार’ हैं और दोनों पार्टियां लोकतांत्रिक व संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखती हैं।

उन्होंने कहा, “बीएमसी चुनाव गठबंधन पर चर्चा जारी है। जल्द ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।” राकांपा (शप) की मुंबई इकाई की अध्यक्ष राखी जाधव और अन्य नेताओं के साथ बातचीत पहले ही हो चुकी है।

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने हमेशा न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर गठबंधन बनाए हैं। हम समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर बीएमसी चुनाव लड़ना चाहते हैं।’

राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे को गठबंधन में शामिल करने की संभावना के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में, गायकवाड़ ने कहा कि इस मामले पर कोई चर्चा नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, ‘शिवसेना (उबाठा) के नेता संजय राउत ने पहले संकेत दिया था कि स्थानीय निकाय चुनाव अलग-अलग लड़े जाएंगे। अगर उद्धव और राज ठाकरे साथ आते हैं, तो हम इसका स्वागत करते हैं। लेकिन कांग्रेस के साथ कोई चर्चा नहीं हुई है और हम उन लोगों से हाथ नहीं मिला सकते जो कानून अपने हाथ में लेते हैं या धमकी देते हैं।’

गायकवाड़ ने कहा कि बीएमसी चुनाव जाति, क्षेत्र, भाषा या धर्म के बजाय जनता के मुद्दों पर लड़े जाने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘मुंबई प्रदूषण, गड्ढों, यातायात जाम, जल आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और बीएमसी में भ्रष्टाचार जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है। हम इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएंगे।’

कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि मुंबई में स्थानीय निकाय चुनाव अकेले लड़ने का फैसला जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ तीन महीने तक चली चर्चा के बाद लिया गया।

उन्होंने कहा, ‘हमें 227 वार्ड में से प्रत्येक में अपने कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को एकजुट रखना है। नगर निकाय पर 30 वर्ष तक (अविभाजित) शिवसेना और भाजपा का शासन रहा है। हम चाहते हैं कि हम जो मुद्दे उठाएं, वे जमीनी स्तर पर पहुंचें।’

इस बीच, सुले ने कहा कि एक सप्ताह में पूरी तस्वीर स्पष्ट हो जाएगी। पवार और कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर सुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम अगले सप्ताह फिर से विस्तृत चर्चा के लिए बैठक करेंगे। कांग्रेस के साथ हमारा सहयोग हमेशा से रहा है और आगे भी जारी रहेगा।’

शिवसेना ने मंगलवार को कांग्रेस से संयम बरतने और बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने से बचने का आग्रह किया। पार्टी ने आगाह किया कि इस कदम से भाजपा को मदद मिलेगी और महा विकास आघाडी (एमवीए) कमजोर होगा।

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने कांग्रेस को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार को ‘सबक सिखाने’ संबंधी पार्टी नेता राहुल गांधी के बयान की भी याद दिलाई।

पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है, ‘यह सबक तभी सिखाया जा सकता है जब विपक्ष एकजुट रहे।’

संपादकीय में कांग्रेस की इस चिंता को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई कि अगर राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे को अपने साथ लिया गया तो उसके उत्तर भारतीय व मुस्लिम मतदाता वर्ग में सेंध लग सकती है।

संपादकीय में कहा गया है कि बिहार में शिवसेना (उबाठा) और मनसे के चुनाव न लड़ने के बावजूद कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।

भाषा जोहेब नरेश

नरेश


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