कांग्रेस नेतृत्व 2014 में शिवसेना-भाजपा के बीच दरार का फायदा उठाने का इच्छुक नहीं था : पवार |

कांग्रेस नेतृत्व 2014 में शिवसेना-भाजपा के बीच दरार का फायदा उठाने का इच्छुक नहीं था : पवार

कांग्रेस नेतृत्व 2014 में शिवसेना-भाजपा के बीच दरार का फायदा उठाने का इच्छुक नहीं था : पवार

:   Modified Date:  May 3, 2023 / 07:01 PM IST, Published Date : May 3, 2023/7:01 pm IST

मुंबई, तीन मई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने दावा किया है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसकी तत्कालीन सहयोगी शिवसेना के बीच बढ़ती दूरियों का फायदा उठाने का इच्छुक नहीं था।

पवार ने मंगलवार को जारी अपनी आत्मकथा के अद्यतन संस्करण में लिखा कि अगर कांग्रेस और राकांपा ने 2014 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा होता, तो वे महाराष्ट्र में सत्ता पर काबिज होते।

वर्ष 2014 में, भाजपा ने शिवसेना के साथ अपने दशकों पुराने गठबंधन को तोड़ दिया था और अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ा। इस दौरान राकांपा और कांग्रेस का गठबंधन भी टूट गया।

पवार ने कहा, ‘‘अगर कांग्रेस और राकांपा ने मिलकर 2014 का विधानसभा चुनाव लड़ा होता तो हम राज्य जीत सकते थे। अगर भाजपा और शिवसेना के बीच राजनीतिक मतभेद और बढ़ जाते तो कुछ संभावनाएं बनतीं, लेकिन कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इसका फायदा उठाने का इच्छुक नहीं था।’’

वर्ष 1999 में कांग्रेस छोड़कर राकांपा का गठन करने वाले पवार ने यह भी दावा किया कि 2014 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद, कांग्रेस ने यह सोचना शुरू कर दिया था कि यदि ऐसे अन्य दल (जैसे राकांपा) कमजोर हो जाएं, जो उनकी विचारधारा को साझा करते हैं, तो ये उसके लिए लाभदायक हो सकता है।

पवार ने यह भी स्वीकार किया कि वह यह सुनिश्चित करने में सक्रिय रूप से शामिल थे कि इस अवधि के दौरान भाजपा और शिवसेना के बीच दूरी बढ़े।

भाषा

शफीक माधव

माधव

 

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