मुंबई, एक अप्रैल (भाषा) यहां की एक विशेष अदालत ने धोखाधड़ी के लगभग 19 साल पुराने मामले में तीन बैंक कर्मियों को दोषी करार देते हुए कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी अर्थव्यवस्था को ‘जबरदस्त नुकसान’ पहुंचाती है और देश के समग्र विकास को बाधित करती है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश डी.पी. सिंगडे ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत देना बैंक के तीन अधिकारियों श्रीकांत पडाले (51), विजय नायर (46) और वी राधाकृष्णन को दोषी करार दिया।
अदालत ने इस मामले में 30 मार्च को फैसला सुनाया जिसकी प्रति शनिवार को उपलब्ध हुई।
तीन बैंक कर्मियों के अलावा अदालत ने 49 वर्षीय नर्गिस दिवेंत्री को भी दोषी करार दिया और सभी को दो-दो साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपी अधिकारियों ने एक निजी व्यक्ति के साथ मिलकर धोखाधड़ी की आपराधिक साजिश रची और 2003 में देना बैंक के कालबादेवी शाखा को नुकसान पहुंचाया।
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ निजी पक्षकारों को ऋण सुविधा प्रदान की जिसकी वजह से बैंक को 2.35 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
भाषा धीरज देवेंद्र
देवेंद्र
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