साइबर धोखाधड़ी: नौकरी की चाह रखने वालों के बैंक खातों का दुरुपयोग करने वाला गिरोह पकड़ा
साइबर धोखाधड़ी: नौकरी की चाह रखने वालों के बैंक खातों का दुरुपयोग करने वाला गिरोह पकड़ा
ठाणे, 23 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे शहर की पुलिस ने गोवा से सात लोगों को गिरफ्तार कर साइबर धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ये लोग नौकरी की चाह रखने वाले लोगों को धोखा देकर उनके बैंक खाते और सिम कार्ड का दुरुपयोग अवैध गतिविधियों के लिए करते थे।
इस संबंध में अधिकारी ने शनिवार को बताया कि ये गिरफ्तारियां एक व्यक्ति द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की जांच के आधार पर की गईं। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उसके नाम के बैंक खाते और सिम कार्ड का इस्तेमाल साइबर धोखाधड़ी के लिए किया गया था।
निरीक्षक अतुल अदुरकर ने कहा, ‘‘आरोपियों ने पीड़ित को नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उन्होंने उसके नाम से एक बैंक खाता खोला और पासबुक, एटीएम कार्ड तथा उससे जुड़ा सिम कार्ड ले लिया। बाद में इन सभी चीजों को साइबर अपराधों में इस्तेमाल के लिए गोवा भेज दिया गया।’’
उन्होंने बताया कि जब पीड़ित को नौकरी नहीं मिली तो उसने बैंक से पूछताछ की और पता चला कि उसके खाते का दुरुपयोग अवैध लेनदेन के लिए किया गया है।
अदुरकर ने कहा कि आरोपियों ने कम से कम 80 लोगों के साथ इसी तरह की धोखाधड़ी की है।
अधिकारी ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने दक्षिण गोवा के एक होटल पर छापा मारा और सात आरोपियों को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी आनंद अशोक मेघवानी (34) और सौरभ शर्मा (40) मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के निवासी हैं, जबकि भोला प्रदीप यादव (21), लालचंद मुखिया (25), गौरव यादव (25), रोहित यादव (21) और राजकुमार यादव (21) बिहार के निवासी हैं।
छापेमारी के दौरान पुलिस ने दो लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन, नागपुर के 11 लोगों के नाम की बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड और कई सिम कार्ड जब्त किए।
अधिकारी ने कहा, ‘‘इस गिरोह ने 5,000 रुपये देकर नौकरी की चाह रखने वालों के नाम से बैंक खाते खुलवाए। इन खातों के साथ पासबुक, एटीएम कार्ड और सिम कार्ड की किट स्थानीय एजेंटों के जरिए इकट्ठा की जाती थी। फिर इन खातों का इस्तेमाल साइबर ठगी और ऑनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी के लिए किया जाता था। गिरफ्तारी से बचने के लिए ये लोग हर 15 दिन में जगह बदलते रहते थे।’’
उन्होंने बताया कि आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी ने कहा कि गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
भाषा खारी नेत्रपाल
नेत्रपाल

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