‘न्यायमूर्ति चंद्रचूड़’ बनकर साइबर ठगों ने महिला से 3.71 करोड़ रुपये ठगे, एक गिरफ्तार

‘न्यायमूर्ति चंद्रचूड़’ बनकर साइबर ठगों ने महिला से 3.71 करोड़ रुपये ठगे, एक गिरफ्तार

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  • Publish Date - December 29, 2025 / 04:46 PM IST,
    Updated On - December 29, 2025 / 04:46 PM IST

मुंबई, 29 दिसंबर (भाषा) मुंबई की एक बुजुर्ग महिला से साइबर ठगों ने कथित तौर पर पूर्व प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ और अन्य अधिकारी बनकर 3.71 करोड़ रुपये ठग लिए। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति को गुजरात से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि महिला (68) को धन शोधन के मामले में ‘डिजिटल अरेस्ट’ किए जाने के बाद उससे ठगी की गई रकम का बड़ा हिस्सा उस व्यक्ति ने अपने बैंक खाते में जमा करवाया था।

यह घटना 18 अगस्त से 13 अक्टूबर के बीच हुई।

अधिकारी ने बताया कि 18 अगस्त को महिला से एक व्यक्ति ने फोन में दावा किया कि वह कोलाबा थाने से बात कर रहा है और महिला के बैंक खाते का इस्तेमाल धन शोधन के लिए किया जा रहा है।

अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को जांच सौंपे जाने का दावा करते हुए उसके बैंक विवरण मांगे। आरोपी ने अधिकारी एस.के. जायसवाल बनकर पीड़िता से उसके जीवन पर दो-तीन पन्नों का निबंध भी लिखवाया। इसके बाद उसने महिला से कहा कि वह उसके निर्दोष होने की बात से सहमत है और यह सुनिश्चित करेगा कि उसे जमानत मिल जाए।’’

अधिकारी ने कहा, ‘‘इसके बाद साइबर अपराधियों ने उसे ‘वीडियो कॉल’ के माध्यम से अदालत कक्ष में एक ऐसे व्यक्ति के सामने पेश किया जिसने खुद को न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ बताया। उससे उसके निवेश के सत्यापन के लिए ब्यौरा मांगा गया और इसके परिणामस्वरूप पीड़िता ने दो महीने की अवधि में कई बैंक खातों में 3.75 करोड़ रुपये अंतरित कर दिए।’’

हालांकि इसके बाद फोन आने बंद हो गए तो उसे ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने का पता चला।

उन्होंने कहा, ‘‘महिला द्वारा पश्चिम क्षेत्र साइबर थाने से संपर्क किए जाने के बाद भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत धोखाधड़ी और अन्य अपराधों का मामला दर्ज किया गया। जांच में पता चला कि उसका पैसा कई ‘म्यूल’ खातों में अंतरित किया गया था, जिनमें से एक खाता गुजरात के सूरत में मिला।’’

‘म्यूल’ ऐसा बैंक खाता होता है जिसका इस्तेमाल अपराधी खाताधारक की जानकारी के साथ या जानकारी के बगैर, अवैध धन प्राप्त करने, धन अंतरित करने या उसे वैध बनाने के लिए करते हैं।

अधिकारी ने बताया कि साइबर पुलिस की एक टीम ने पिछले सप्ताह सूरत से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जिसने एक चालू खाता खोला था और उसके माध्यम से कपड़े के व्यापार में शामिल एक फर्जी कंपनी बनाई थी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने साइबर जालसाजों को अपना पैसा जमा करने के लिए यह खाता उपलब्ध कराया था। उसके खाते में रखे 1.71 करोड़ रुपये के बदले उसे साइबर जालसाजों से 6.40 लाख रुपये का कमीशन मिला। उसने इस गिरोह के दो सरगनाओं का खुलासा किया है जो फिलहाल विदेश में हैं।’’

अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह में शामिल सभी लोगों को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

भाषा यासिर नरेश

नरेश