दोनों सदनों में विपक्ष के नेता पर फैसला पीठासीन अधिकारी लेंगे, सरकार की कोई भूमिका नहीं: फडणवीस

दोनों सदनों में विपक्ष के नेता पर फैसला पीठासीन अधिकारी लेंगे, सरकार की कोई भूमिका नहीं: फडणवीस

दोनों सदनों में विपक्ष के नेता पर फैसला पीठासीन अधिकारी लेंगे, सरकार की कोई भूमिका नहीं: फडणवीस
Modified Date: December 7, 2025 / 09:14 pm IST
Published Date: December 7, 2025 9:14 pm IST

नागपुर, सात दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता की नियुक्ति का फैसला संबंधित पीठासीन अधिकारियों के अधिकार क्षेत्र में आता है।

राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले नागपुर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए फडणवीस ने कहा कि विपक्ष के नेता की नियुक्ति में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दोनों सदन के पीठासीन अधिकारी जो भी निर्णय लेंगे, वह उनकी सरकार को स्वीकार्य होगा।

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इससे पहले, दोनों सदन में विपक्ष के नेता की नियुक्ति करने में सरकार की विफलता का हवाला देते हुए विपक्ष ने शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर सरकार की परंपरागत चाय पार्टी का बहिष्कार किया।

पिछले साल राज्य विधानसभा चुनाव में विपक्ष को करारी हार मिली थी और कोई भी पार्टी कुल 288 सीट में से 10 प्रतिशत सीट नहीं जीत सकी थी। नियमानुसार, विपक्ष के नेता पद पर दावा करने के लिए किसी भी विपक्षी दल के लिए कम से कम 10 प्रतिशत सीट जीतना जरूरी है।

फडणवीस ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण सत्र की अवधि एक सप्ताह है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “छोटी अवधि के बावजूद, हमारी योजना अधिकतम कामकाज करने और विदर्भ एवं मराठवाड़ा के हित में निर्णय लेने की है। कुल 11 विधेयक पेश किए जाएंगे।”

उन्होंने कहा कि वर्षा प्रभावित 92 प्रतिशत किसानों को वित्तीय सहायता मिल चुकी है, जबकि बाकी को ‘अपने ग्राहक को जानो’ (केवाईसी) विवरण अपडेट होने के बाद सहायता मिलेगी।

फडणवीस ने कहा, “विपक्ष बिना जाने आरोप लगा रहा है। मेरी सरकार विधानमंडल में किसी भी मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है।”

उन्होंने संवाददाताओं को बताया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार, जो अपने बेटे की शादी के लिए बहरीन में थे, पुणे पहुंच गए हैं और रात तक नागपुर आ जाएंगे।

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दो दिसंबर को हुए स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना में देरी से विपक्ष को सत्र में अपनी साख बचाने में मदद मिलेगी।

शिंदे ने कहा, “सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति ने कुछ जगहों पर मिलकर चुनाव लड़ा। कुछ जगहों पर हमने दोस्ताना मुकाबला किया। हम 70 प्रतिशत से ज्यादा सीटें जीतेंगे।”

भाषा आशीष पारुल

पारुल


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