Naxalite Sonu Dada Surrender: अबतक की सबसे बड़ी खबर.. नक्सलियों के शीर्ष नेता सोनू दादा उर्फ़ वेणुगोपाल ने किया सरेंडर.. इसी ने लिखा था शांतिवार्ता के लिए खत..

न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस आत्मसमर्पण की पुष्टि करते हुए लिखा है कि, "भाकपा/माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लौजुला वेणुगोपाल राव उर्फ ​​सोनू ने आज महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 60 माओवादी कार्यकर्ताओं के साथ हथियार डाल दिए।

Naxalite Sonu Dada Surrender: अबतक की सबसे बड़ी खबर.. नक्सलियों के शीर्ष नेता सोनू दादा उर्फ़ वेणुगोपाल ने किया सरेंडर.. इसी ने लिखा था शांतिवार्ता के लिए खत..

Naxalite Sonu Dada Surrender || Image- ANI News File

Modified Date: October 14, 2025 / 12:07 pm IST
Published Date: October 14, 2025 11:58 am IST
HIGHLIGHTS
  • सोनू दादा ने गढ़चिरौली में किया आत्मसमर्पण
  • 60 माओवादी कार्यकर्ताओं ने भी हथियार डाले
  • भाकपा माओवादी संगठन को तगड़ा झटका

Naxalite Sonu Dada Surrender: रायपुर: अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे नक्सल संगठन को आज बड़ा झटका लगा है। नक्सलियों के शीर्ष नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू दादा उर्फ़ वेणुगोपाल राव ने सरेंडर कर दिया है। सोनू दादा के साथ ही 60 और माओवादियों ने गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है।बताया जा रहा है कि, नक्सली अपने साथ 50 हथियार भी लेकर पहुंचे है।

बता दें कि, एक महीने पहले सोनू दादा ने छत्तीसगढ़ सरकार को शांतिवार्ता के लिए खत लिखा था। उन्होंने सशस्त्र और हथियारबंद संघर्ष को विराम देकर बिना हथियार के आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात कही थी। हालांकि नक्सल संगठन के दूसरे नेताओं ने भी पत्र जारी कर इस प्रस्ताव को सोनू दादा की निजी राय बताया था। इसके बाद से अटकलें लगाई जा रही थी कि, सोनू दादा पुलिस के संपर्क में है और कभी आत्मसमर्पण कर सकते है।

भाकपा/माओवादी के लिए बड़ा झटका

Naxalite Sonu Dada Surrender: न्यूज एजेंसी एएनआई ने इस आत्मसमर्पण की पुष्टि करते हुए लिखा है कि, “भाकपा/माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लौजुला वेणुगोपाल राव उर्फ ​​सोनू ने आज महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 60 माओवादी कार्यकर्ताओं के साथ हथियार डाल दिए। यह भाकपा/माओवादी के लिए एक बड़ा झटका है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और देश भर की राज्य सरकारों के नेतृत्व में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे निरंतर अभियानों का परिणाम है। सितंबर में, सोनू ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर हथियार डालने का संकेत दिया था। उन्हें छत्तीसगढ़ और देश के अन्य हिस्सों में माओवादी कार्यकर्ताओं के एक बड़े हिस्से से समर्थन मिला, जिन्होंने उन्हें समर्थन दिया”

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कर्रेगुट्टा के पहाड़ के पास नया बेस कैम्प

नक्सल प्रभावित दक्षिण बीजापुर जिले में पुलिस द्वारा कर्रेगुट्टा पहाड़ के पास एक नया ताड़पाला बेस कैंप की स्थापना की गई है। यह पहल छत्तीसगढ़ सरकार की “नियद नेल्ला नार” योजना के तहत ग्रामीणों को सुरक्षा, विकास और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है।

बनेगा नया ऑपरेशन लॉन्चिंग प्वाइंट

यह नया बेस कैंप माओवादी गतिविधियों पर नजर रखने और ऑपरेशन लॉन्चिंग पॉइंट के रूप में कार्य करेगा। इसके माध्यम से एरिया डॉमिनेशन, सतत गश्त, और नक्सली नेटवर्क पर नियंत्रण की दिशा में सुरक्षा बलों की पकड़ और भी मजबूत होगी।

Bastar New Police Base Camp: बेस कैंप के माध्यम से आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर, खेल प्रतियोगिताएं, सौर लाइट, जल आपूर्ति और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी। इससे पुलिस और जनता के बीच संवाद और विश्वास को बल मिलेगा और नक्सली संगठनों में युवाओं की भर्ती पर भी प्रभावी रोक लग सकेगी।

दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों में सुरक्षा बलों ने यह कैंप स्थापित कर एक बार फिर अपनी साहसिक कार्यशैली और प्रतिबद्धता का परिचय दिया है। वर्ष 2024 से अब तक जिले में 38 सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं, वहीं 599 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण, 196 मारे गए और 973 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।

नक्सलियों ने की एक की हत्या

लिस और सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और लगातार हो रहे मुठभेड़ से बौखलाए नक्सलियों ने एक बार फिर कायराना करतूत को अंजाम दिया है। हथियारबंद नक्सलियों बस्तर संभाग बीजापुर के उसूर थाना इलाके में एक भाजपा कार्यकर्ता की निर्मम तरीके से हत्या कर दी है। मृतक का नाम पूनेम सत्यम है। इस वारदात के बाद माओवादियों ने मौके पर पर्चे भी फेंके है जिसमें उन्होंने पूनेम पर पुलिस से मिलीभगत और नक्सलियों के मुखबिरी के आरोप लगाए है। पूरी घटना मुंजाल कांकेर की बताई जा रही है।

आम ग्रामीणों को बना रहे है निशाना

वारदात की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने पूनेम सत्यम के शव को बरामद कर लिया है। पुलिस और सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्चिंग तेज कर दिया है।

Bastar New Police Base Camp: गौरतलब है कि, ग्रामीणों से सहयोग नहीं मिलने और संगठन के बिखराव से नक्सली नाराज है और इसी बौखलाहट में वे लगातार आम ग्रामीणों, शासकीय कर्मचारियों व राजनीतिक पार्टी के नेताओं को अपना निशाना बना रहे है। वे उनपर पुलिस से मिले होने और माओवादियों के खिलाफ पुलिस को सूचना दिए जाने का आरोप लगाते रहे है। इस ताजा हत्याकांड के बाद पुलिस ने आरोपी नक्सलियों की तलाश शुरू कर दी है।

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लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown