SpaceX: एलन मस्क की बड़ी सफलता! रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट कामयाब, क्या अब चांद और मंगल तक पहुंचना होगा आसान?

दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट (ऊपरी भाग) और सुपर हैवी बूस्टर (निचला भाग) को मिलाकर स्टारशिप कहते हैं। इसकी लंबाई 403 फीट है।

SpaceX: एलन मस्क की बड़ी सफलता! रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट कामयाब, क्या अब चांद और मंगल तक पहुंचना होगा आसान?

Image Source: Space

Modified Date: October 14, 2025 / 08:51 am IST
Published Date: October 14, 2025 8:41 am IST
HIGHLIGHTS
  • स्पेसएक्स का स्टारशिप रॉकेट 11वां सफल टेस्ट पूरा किया।
  • लैंडिंग हिंद महासागर में सुरक्षित हुई।
  • रॉकेट ने 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।

SpaceX: Texas: एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने सोमवार को टेक्सास के स्टारबेस से अपना ग्यारहवां स्टारशिप रॉकेट लॉन्च किया। इस रॉकेट का मकसद दुनिया के आधे हिस्से में जाकर नकली सैटेलाइट भेजना है। ये अब तक का सबसे बड़ा और ताकतवर रॉकेट है, जिसे टेक्सास के दक्षिणी हिस्से से उड़ाया गया। लॉन्च के बाद बूस्टर रॉकेट अलग हो गया और मेक्सिको की खाड़ी में सुरक्षित लैंडिंग की। इसके बाद स्टारशिप अंतरिक्ष में घूमता रहा और फिर हिंद महासागर की ओर उतर गया।

टेक्सास के बोका चिका से स्पेसएक्स कंपनी का रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट आज सुबह 5 बजे सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। ये टेस्ट पूरी तरह सफल रहा और इस स्टारशिप को हिंद महासागर में सुरक्षित उतारा गया। स्टारशिप ने इस उड़ान में करीब 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी। इस तेज गति से उड़ान भरना रॉकेट टेक्नोलॉजी में बड़ी सफलता मानी जा रही है। इस उड़ान का मोटिव रॉकेट की ताकत और उड़ान की कैपेसिटी को जांचना था।

स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क चाहते हैं कि इस रॉकेट की मदद से भविष्य में इंसानों को मंगल ग्रह तक भेजा जाए। ये रॉकेट लगभग 123 मीटर लंबा है और इसे ऐसे बनाया गया है कि इसे कई बार इस्तेमाल किया जा सके। इसे चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने और वापस लाने के लिए भी डिजाइन किया गया है क्योंकि बिना इसके अंतरिक्ष एजेंसी अगले दशक के अंत तक चंद्रमा पर इंसान नहीं भेज पाएगी।

 ⁠

टेक्सास के रॉकेट स्टारशिप को आज लॉन्च किया गया

स्टारशिप का टेस्ट टेक्सास के बोका चिका से शुरू हुआ। रॉकेट ने धरती के वायुमंडल से बाहर निकलकर एक तय रास्ते पर उड़ान भरी और आखिरी में हिंद महासागर में सुरक्षित लैंडिंग की। लैंडिंग भी बहुत सफल रही जो रॉकेट की सुरक्षित वापसी का संकेत है। स्पेस एक्स की इस टेस्ट फ्लाइट को लेकर साइंटिस्ट और स्पेस लवर्स काफी उत्साहित थे क्योंकि ये मिशन रॉकेट की स्टेबिलिटी और कैपेबिलिटी को टैस्ट करता है। पिछले दस टेस्ट की तरह ये टेस्ट भी कई तकनीकी चुनौतियों से भरा था लेकिन इस बार सब कुछ सही रहा।

स्पेस एक्स के स्पोक्सपर्सन ने क्या कहा?

SpaceX: स्पेस एक्स के स्पोक्सपर्सन ने कहा, ‘ये टेस्ट हमारी भविष्य की अंतरिक्ष उड़ानों के लिए एक बड़ा कदम है। स्टारशिप की सफलता से हमें लंबी दूरी की अंतरिक्ष यात्राओं में मदद मिलेगी।’ स्टारशिप रॉकेट का मकसद भविष्य में इंसानों को चंद्रमा, मंगल और उससे भी आगे भेजना है। इसके लिए इसे कई बार सफलतापूर्वक उड़ान भरने और सुरक्षित लैंडिंग करने के लिए तैयार किया जा रहा है। इस टेस्ट ने साबित कर दिया है कि स्टारशिप इस दिशा में एक बड़ा कदम है।

ये भी पढ़ें- 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

IBC24 Digital देश-दुनिया की हर बड़ी खबर सबसे पहले और सटीक रूप में आप तक पहुँचाने के लिए समर्पित है। राजनीति, मनोरंजन, खेल, टेक्नोलॉजी और ट्रेंडिंग खबरों की हर अपडेट यहीं पढ़ें।