मुंबई, 22 मई (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल अब दिवालिया हो चुकी वित्तीय सेवा कंपनी आईएलएंडएफएस में कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष पेश हुए।
एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पाटिल पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर ईडी के कार्यालय पहुंचे। इस दौरान वहां बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे। ईडी का कार्यालय दक्षिण मुंबई में राकांपा के बलार्ड एस्टेट स्थित कार्यालय के नजदीक है।
ईडी धनशोधन के मामले में पाटिल के बयान दर्ज कर सकती है।
इससे पहले दिन में पाटिल ने ईडी के समक्ष पेश होने से पहले कहा था ‘‘मैं विपक्ष का हिस्सा हूं और इस प्रकार की परेशानी का सामना करना होगा। मैंने आईएलएंडएफएस का नाम पहले कभी नहीं सुना लेकिन ईडी के अधिकारियों ने मुझे पेश होने के लिए कहा है। मैं उनके प्रश्नों का कानूनी दायरे में जवाब देने की कोशिश करूंगा।’’
सात बार के विधायक पाटिल ने कहा, ‘‘मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से शांति बनाए रखने और अधिकारियों को अपना काम करने देने की अपील करता हूं। मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से भयभीत नहीं होने का भी आग्रह करता हूं। ’’
पाटिल के समर्थकों की भीड़ के मद्देनजर मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं तथा ईडी के कार्यालय की ओर जाने वाले मार्ग पर अवरोधक लगाए हैं।
ईडी कार्यालय जाने से पहले पाटिल पार्टी के कार्यालय पहुंचे जहां समर्थकों ने उनके पक्ष में तथा केन्द्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
बड़ी संख्या में राकांपा समर्थक पाटिल के खिलाफ ईडी के समन के विरोध में गांधी टोपी लगाए और हाथों में तख्तियां तथा बैनर लिए पार्टी कार्यालय के सामने बैठ गए । उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और दावा किया कि पाटिल के खिलाफ कार्रवाई ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ है।
पाटिल ने पहले एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से अनुरोध करता हूं कि कोई भी मुंबई नहीं आए। मैं इस जांच में ईडी का पूरा सहयोग करूंगा।’’
इस्लामपुर विधानसभा सीट से 61 वर्षीय विधायक पाटिल को पहले 12 मई को पेश होने के लिए समन जारी किया गया था लेकिन उन्होंने कुछ व्यक्तिगत तथा आधिकारिक कामों का हवाला देते हुए दस दिन की मोहलत मांगी थी। इसके बाद उन्हें 22 मई को पेश होने के लिए कहा गया था।
भाषा शोभना मनीषा
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