अनिश्चितता के बीच भारत-ब्रिटेन साझेदारी वैश्विक स्थिरता का महत्वपूर्ण स्तंभ: प्रधानमंत्री मोदी
अनिश्चितता के बीच भारत-ब्रिटेन साझेदारी वैश्विक स्थिरता का महत्वपूर्ण स्तंभ: प्रधानमंत्री मोदी
(तस्वीरों सहित)
मुंबई, नौ अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं तथा दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंध ऐसे समय में वैश्विक स्थिरता एवं आर्थिक प्रगति के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं जब विश्व अनिश्चितता के दौर से जूझ रहा है।
मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के साथ व्यापक मुद्दों पर बातचीत के बाद यह टिप्पणी की।
मोदी-स्टार्मर वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने भारतीय सेना को उसकी वायु रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए हल्की बहुउद्देशीय मिसाइल प्रणालियों की आपूर्ति करने की योजना की घोषणा की। इसके अलावा, भारत की नौसेना के लिए समुद्री विद्युत प्रणोदन प्रणालियों को संयुक्त रूप से विकसित करने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते को अंतिम रूप देने के लिए सैद्धांतिक कदम भी उठाया गया।
दोनों नेताओं ने कहा कि जुलाई में दोनों पक्षों के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर लगने से नई ऊर्जा का संचार होगा, व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और संबंधों का समग्र दायरा व्यापक होगा।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बुधवार को 100 से ज्यादा सीईओ, उद्यमियों और विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। यह स्टार्मर की पहली भारत यात्रा है।
मोदी ने स्टार्मर की मौजूदगी में अपने मीडिया वक्तव्य में कहा, ‘‘भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझेदार हैं। हमारे संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता और कानून के शासन के साझा मूल्यों पर आधारित हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज के वैश्विक अनिश्चितता के दौर में, हमारी बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता और आर्थिक प्रगति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।’’
मोदी ने कहा कि भारत की तेजी और ब्रिटेन की विशेषज्ञता मिलकर विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए एक ‘‘अद्वितीय तालमेल’’ बनाएंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी साझेदारी विश्वसनीय है और प्रतिभा व तकनीक से प्रेरित है। और आज, जब प्रधानमंत्री स्टार्मर तथा मैं इस मंच पर एक साथ खड़े हैं, तो यह दोनों देशों के लोगों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण के लिए मिलकर काम करने की हमारी साझा प्रतिबद्धता की स्पष्ट पुष्टि है।’’
वहीं, स्टार्मर ने ब्रिटेन-भारत व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर को एक ‘‘अभूतपूर्व क्षण’’ बताया क्योंकि इससे टैरिफ में कमी आएगी, एक-दूसरे के बाजारों तक पहुंच बढ़ेगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
स्टार्मर ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हम यहां भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में मिल रहे हैं, क्योंकि भारत की विकास गाथा उल्लेखनीय है। मैं प्रधानमंत्री को उनके नेतृत्व के लिए बधाई देना चाहता हूं, जिनका लक्ष्य 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है।’’
दोनों नेताओं ने संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति (जेईटीसीओ) के पुनर्गठन का भी स्वागत किया, जो व्यापार समझौते के संचालन एवं उपयोग में सहायता करेगी तथा व्यापक व्यापार एवं निवेश साझेदारी को आगे बढ़ाएगी।
दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत, पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता और यूक्रेन में जारी संघर्ष पर भी विचार साझा किए।
स्टार्मर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी और मैंने यूक्रेन में तत्काल और स्थायी शांति की आवश्यकता, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता एवं सुरक्षा की जरूरत तथा जलवायु एवं ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग की आवश्यकता पर भी चर्चा की, जिसमें जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता से मुक्ति भी शामिल है।’’
रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में, दोनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल के तहत क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा उत्कृष्टता केंद्र (आरएमएससीई) की स्थापना सहित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक मजबूत समुद्री सुरक्षा सहयोग के लिए दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।
संयुक्त बयान में कहा गया, ‘‘प्रशिक्षण सहयोग के संदर्भ में, दोनों नेताओं ने एक ऐसी व्यवस्था पर प्रगति का स्वागत किया जिसके तहत भारतीय वायुसेना के योग्य उड़ान प्रशिक्षक ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स के साथ काम करेंगे, साथ ही एक ऐसा समझौता भी होगा जो हमारे प्रशिक्षण और शिक्षा संबंधों को सुगम बनाएगा।’’
मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण खनिजों पर सहयोग के लिए एक उद्योग संघ और आपूर्ति श्रृंखला वेधशाला स्थापित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इससे जुड़ा परिसर भारतीय खान विद्यापीठ, धनबाद में स्थित होगा।
मोदी ने कहा, ‘‘सतत विकास लक्ष्यों के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता है। इस दिशा में, हम भारत-ब्रिटेन अपतटीय पवन कार्यबल के गठन का स्वागत करते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने जलवायु प्रौद्योगिकी स्टार्टअप कोष की स्थापना की है। यह जलवायु, प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में काम कर रहे दोनों देशों के नवप्रवर्तकों और उद्यमियों को सहायता प्रदान करेगा।’’
स्टार्मर की भारत यात्रा दोनों देशों द्वारा एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के ढाई महीने बाद हुई है। इस समझौते से बाजार पहुंच बढ़ेगी, शुल्क में कटौती होगी और 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार दोगुना होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी की जुलाई में हुई लंदन यात्रा के दौरान व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया गया था।
भाषा शफीक नेत्रपाल
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