महाराष्ट्र : भाई की मौत के मामले में ऑटो चालक को पांच साल का सश्रम कारावास

महाराष्ट्र : भाई की मौत के मामले में ऑटो चालक को पांच साल का सश्रम कारावास

महाराष्ट्र : भाई की मौत के मामले में ऑटो चालक को पांच साल का सश्रम कारावास
Modified Date: July 29, 2025 / 02:09 pm IST
Published Date: July 29, 2025 2:09 pm IST

ठाणे, 29 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे शहर में एक ऑटो-रिक्शा चालक को उसके भाई की मौत के मामले में गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराए जाने के बाद पांच साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है।

ठाणे के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस. बी. अग्रवाल ने 25 जुलाई को दिए गए आदेश में आरोपी महेंद्र सदाशिव करडक (59) पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। आदेश की प्रति सोमवार को उपलब्ध कराई गई।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, छह जनवरी 2021 को ठाणे के वागले एस्टेट क्षेत्र में संपत्ति विवाद को लेकर हुए झगड़े में महेंद्र करडक ने अपने भाई आनंद करडक पर रसोई घर में इस्तेमाल किए जाने वाले चाकू से हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना में उसने अपने एक अन्य भाई की पत्नी को भी घायल कर दिया था।

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सुनवाई के दौरान, आरोपी के वकील ने दलील दी कि महेंद्र ने आत्मरक्षा में यह कदम उठाया।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मामले के तथ्यों से स्पष्ट है कि आरोपी ने स्वयं चाकू लेकर हमला किया।’’

अदालत ने यह भी माना कि आरोपी ‘‘अचानक उत्तेजना’’ में आत्म-नियंत्रण खो बैठा था और इसी कारण उसने हमला कर दिया।

अदालत ने कहा ‘‘यह घटना पूर्व-नियोजित नहीं थी, बल्कि अचानक हुए झगड़े के दौरान गुस्से में हुई थी।’’

अदालत ने यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी का हत्या करने का कोई पूर्व इरादा नहीं था, लेकिन हमले के समय वह यह जानता था कि इससे मौत हो सकती है इसलिए आरोपी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराने के बजाय धारा 304 भाग दो (गैर-इरादतन हत्या) के तहत दोषी ठहराया जाता है।

आरोपी को धारा 307 (हत्या का प्रयास) के आरोप से बरी कर दिया गया, जो कि उसकी भाभी पर हमले को लेकर लगाया गया था।

अदालत ने कहा कि मामले के पूरे घटनाक्रम को देखते हुए इसे नकारा नहीं जा सकता कि आरोपी को अधिक गंभीर रूप से फंसाने का प्रयास किया गया होगा इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि आरोपी के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला संदेह से परे सिद्ध हुआ है।

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि आरोपी पर लगाया गया एक लाख रुपये का जुर्माना मृतक के निकटतम वैध उत्तराधिकारी को उचित सत्यापन के बाद प्रदान किया जाए।

भाषा मनीषा सिम्मी

सिम्मी


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