महाराष्ट्र: दानवे ने नयी शराब दुकानों के लाइसेंस जारी करने की योजना को लेकर सरकार की आलोचना की

महाराष्ट्र: दानवे ने नयी शराब दुकानों के लाइसेंस जारी करने की योजना को लेकर सरकार की आलोचना की

महाराष्ट्र: दानवे ने नयी शराब दुकानों के लाइसेंस जारी करने की योजना को लेकर सरकार की आलोचना की
Modified Date: July 15, 2025 / 05:04 pm IST
Published Date: July 15, 2025 5:04 pm IST

मुंबई, 15 जुलाई (भाषा) महाराष्ट्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य सरकार 328 नयी शराब दुकानों के लाइसेंस जारी करने की योजना बना रही है जिसका फायदा केवल सत्तारूढ़ गठबंधन के करीबी लोगों को होगा।

दानवे ने विधानमंडल परिसर में, जहां मानसून सत्र चल रहा है, संवाददाताओं से कहा, ‘‘सरकार राजस्व बढ़ाने के नाम पर इस फैसले को आगे बढ़ा रही है। लेकिन जिस तरह से योजना बनाई गई है, उससे लगता है कि लाइसेंस महायुति गठबंधन के विधायकों के करीबी लोगों को ही दिए जाएंगे।’’

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि इससे शराब की खपत बढ़ेगी और यह समाज के लिए हानिकारक साबित होगा। उन्होंने कहा, ‘‘शराब की अधिक दुकानों से खपत बढ़ेगी और यह कई परिवारों को बर्बाद कर देगी। इससे राज्य की प्रतिष्ठा को नुकसान होगा।’’

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उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब सरकार ने 1972 में ऐसा ही फैसला लेने की कोशिश की थी, तो समाजवादी नेता मृणाल गोरे ने इसका विरोध किया था।

राकांपा (शरदचंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ‘लाडकी बहिन योजना’ जैसी योजनाओं के वित्तीय बोझ से निपटने के लिए नई शराब की दुकानों के वास्ते लाइसेंस जारी करने की योजना बना रही है, जिसके तहत पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की मासिक सहायता मिलती है।

इसके बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि सरकार ने नियम बनाया है कि विधायिका को विश्वास में लिए बिना शराब की दुकानों के लिए कोई भी नया लाइसेंस नहीं दिया जाएगा।

इस बीच, दानवे ने छत्रपति संभाजीनगर के एक शिवसेना नेता पर 12 शराब दुकानों का मालिक होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ सरकार लाडकी बहन योजना शुरू करती है और दूसरी तरफ शराब की दुकानों का विस्तार कर रही है। हम सदन और सड़क, दोनों जगह इसका विरोध करेंगे।’’

आकाशवाणी विधायक छात्रावास की कैंटीन के कामकाज को फिर से शुरू करने के बारे में बात करते हुए दानवे ने प्रशासन के तर्क पर सवाल उठाया। उन्होंने पूछा, ‘‘कैंटीन संचालक का लाइसेंस सालों पहले खत्म हो गया था, फिर भी वही कंपनी कैंटीन चलाती रही। अब यह फिर से चालू हो गई है। फिर इसे कुछ दिनों के लिए निलंबित करने का क्या मतलब था?’’

पिछले सप्ताह शिवसेना विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा कैंटीन के कर्मचारी को कथित तौर पर ‘बासी भोजन’ परोसने पर थप्पड़ मारने के बाद खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने कैंटीन का लाइसेंस निलंबित कर दिया था।

उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे द्वारा अपनी पार्टी के विधायकों और मंत्रियों को उनके व्यवहार के लिए कथित तौर पर फटकार लगाने पर दानवे ने कहा, ‘‘ये लोग मोटी चमड़ी के हैं। आप उनके व्यवहार में कोई बदलाव नहीं देखेंगे।’’

भाषा संतोष मनीषा

मनीषा


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