पुणे, 27 अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिए जाने के बाद ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) ने बृहस्पतिवार को अहमदनगर जिले में जारी अपनी पदयात्रा को वापस ले लिया।
महाराष्ट्र के अहमदनगर में 15000 से अधिक किसानों ने जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा तथा दूध, कपास एवं अन्य फसलों के लिए लाभकारी दाम समेत विभिन्न मांगों पर दबाव बनाने के लिए पदयात्रा शुरू की थी।
राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने एआईकेएस नेताओं के साथ बैठक की है।
एआईकेएस नेताओं के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘हमने (सरकार) कुछ फैसले लिए और आश्वासन दिया कि सभी फैसलों को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।’’
मंत्री ने कहा कि एआईकेएस ने सरकार के फैसलों के बाद पदयात्रा को वापस ले लिया है।
अहमदनगर के अकोले से ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के तत्वाधान में यह पदयात्रा शुरू हुई जिसमें कई महिलाएं भी शामिल रहीं। यह मार्च अकोले से शुरू हुआ और इसका समापन करीब 230 किलोमीटर दूर लोनी स्थित विखे पाटिल के कार्यालय के सामने होना था।
एआईकेएस की मांगों में कृषकों एवं खेतिहर मजदूरों के नामों पर भूस्वामित्व करना, आवश्यक जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजा, दूध, कपास, सोयाबीन, तूर, चना एवं अन्य उपज के लिए लाभकारी दाम शामिल हैं।
ये किसान दूध एवं डेयरी उत्पादों के आयात का भी विरोध कर रहे हैं। वे प्राकृतिक आपदाओं से फसल की क्षति के लिए उचित मुआवजा, कृषकों, खेतिहर मजदूरों एवं बेसहारों के लिए पेंशन में वृद्धि, आंगनवाड़ी कर्मियों एवं आशाकर्मियों, मध्याह्न भोजन कर्मियों एवं अन्य असंगठित कर्मियों के मानदेय में वृद्धि एवं उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा दिये जाने की मांग कर रहे हैं।
प्रदर्शन आयोजकों के अनुसार, महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने मंगलवार को एआईकेएस के एक प्रतिनिधिमंडल को मुंबई में सहयाद्रि ‘स्टेट गेस्ट हाउस’ पर वार्ता के लिए बुलाया था।
भाषा
शफीक पवनेश
पवनेश
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