महाराष्ट्र सरकार ने बीएमसी की ‘झुग्गी गोद लेने’ की योजना का ऑडिट कराने की घोषणा की

महाराष्ट्र सरकार ने बीएमसी की ‘झुग्गी गोद लेने’ की योजना का ऑडिट कराने की घोषणा की

महाराष्ट्र सरकार ने बीएमसी की ‘झुग्गी गोद लेने’ की योजना का ऑडिट कराने की घोषणा की
Modified Date: December 9, 2025 / 08:25 pm IST
Published Date: December 9, 2025 8:25 pm IST

नागपुर, नौ दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को विधानसभा में कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की ‘झुग्गी-झोपड़ी गोद लेने’ की योजना का ऑडिट किया जाएगा।

शहरी विकास राज्य मंत्री माधुरी मिसाल ने भाजपा विधायक और पार्टी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष अमीत साटम की मांग पर यह घोषणा की।

साटम ने आरोप लगाया कि इस योजना के तहत नियुक्त कई गैर-सरकारी संगठन निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं करते हैं, निर्धारित संख्या से कम कर्मचारी नियुक्त करते हैं और झुग्गी-झोपड़ियों में नियमित रूप से अपशिष्ट संग्रहण नहीं करते हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘इससे सार्वजनिक स्थानों पर भारी मात्रा में अपशिष्ट जमा हो जाता है और ऐसा प्रतीत होता है कि इस योजना के तहत आवंटित धन का दुरुपयोग हो रहा है।’’

कथित कुप्रबंधन को ‘घोटाला’ करार देते हुए साटम ने दावा किया कि बीएमसी के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि यह योजना झुग्गी-झोपड़ियों से कचरा इकट्ठा करने और उसे डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाती है, लेकिन प्रति यूनिट 150 परिवारों या 750 आबादी के मानदंड का पालन नहीं किया जा रहा है।

विधायक ने आरोप लगाया कि प्रत्येक निर्धारित क्षेत्र में आवश्यक 15 कर्मचारियों के स्थान पर अधिकतर एनजीओ केवल पांच से दस कर्मचारी ही तैनात करते हैं तथा अधिक कर्मचारियों के लिए धनराशि की मांग करते हैं।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश


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