महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न आंदोलनों के दौरान दर्ज 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की : शेलार

महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न आंदोलनों के दौरान दर्ज 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की : शेलार

महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न आंदोलनों के दौरान दर्ज 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की : शेलार
Modified Date: September 29, 2025 / 07:28 pm IST
Published Date: September 29, 2025 7:28 pm IST

मुंबई, 29 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर में धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों के दौरान दर्ज 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की है, जबकि 47 गंभीर मामलों में आवेदनों को खारिज कर दिया गया है। मंत्री आशीष शेलार ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध अपराध, गंभीर अपराध और व्यक्तिगत या दीवानी विवादों से जुड़े मामलों को सरकारी नीति के तहत माफ नहीं किया जा सकता, इसलिए इनसे संबंधित आवेदनों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया।

सह्याद्री अतिथि गृह में समिति की बैठक के बाद शेलार ने कहा, ‘प्राप्त 201 आवेदनों में से कैबिनेट उप-समिति ने 77 मामलों को वापस लेने की सिफारिश की है। इन्हें अब आगे की समीक्षा के लिए पुलिस उपायुक्तों की अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय समितियों के समक्ष रखा जाएगा।’

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उन्होंने बताया, ‘विधायकों, पूर्व विधायकों, सांसदों और पूर्व सांसदों से जुड़े छह मामले सरकारी आदेशों और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के दायरे में आते हैं और उनका अंतिम निपटारा बंबई उच्च न्यायालय द्वारा किया जाएगा।’

शेलार सामाजिक, राजनीतिक और आंदोलन संबंधी घटनाओं से उत्पन्न मामलों को वापस लेने की याचिकाओं पर गौर करने के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति के अध्यक्ष हैं। वह सांस्कृतिक मामलों, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) राज्य मंत्री हैं और मुंबई उपनगरीय जिला प्रभारी मंत्री भी हैं।

बैठक में विधि एवं न्याय विभाग के प्रधान सचिव उदय शुक्ला, अभियोजन निदेशक अशोक भिलारे, गृह विभाग के उप सचिव चेतन निकम के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे।

शेलार ने कहा कि कई कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं, प्रदर्शनकारियों और वैचारिक आंदोलनों में भाग लेने वालों पर अनावश्यक रूप से मामला दर्ज किया गया है और उन्हें राहत प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गणेशोत्सव, नवरात्र, दही हांडी समारोह, कोविड-19 अवधि के दौरान आयोजित सामाजिक कार्यक्रम और श्रमिक आंदोलन के दौरान पंजीकृत मामले नए आवेदनों के आधार पर समीक्षा के लिए खुले रहेंगे।

मंत्री ने कहा, ‘इस संबंध में जल्द ही एक बैठक की जाएगी। गणेशोत्सव मंडल, नवरात्र मंडल, सामाजिक संगठन, संघ प्रतिनिधि और कार्यकर्ता अपने आवेदन के साथ सरकार से संपर्क करें।’

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप


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