महाराष्ट्र सरकार ने 1.53 लाख रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की: राज्यपाल

महाराष्ट्र सरकार ने 1.53 लाख रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की: राज्यपाल

महाराष्ट्र सरकार ने 1.53 लाख रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की: राज्यपाल
Modified Date: December 9, 2024 / 05:50 pm IST
Published Date: December 9, 2024 5:50 pm IST

मुंबई, नौ दिसंबर (भाषा) महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के वास्ते 1.53 लाख रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।

मुंबई में राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज तक 78,309 पद भरे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय के फैसले के अधीन, पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम (पीईएसए) के प्रावधानों के तहत 17 संवर्गों में 6,931 रिक्त पदों को मानदेय के आधार पर भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फरवरी, 2024 में 10,000 कुशल जनशक्ति की आपूर्ति के लिए जर्मनी के बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य के साथ समझौता किया है।

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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य में 21 से 65 वर्ष की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना लागू कर रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 2.34 करोड़ से अधिक महिला लाभार्थियों को 1,500 रुपये प्रति माह की राशि दी जा रही है और इस साल जुलाई से नवंबर तक पांच मासिक किश्तों का भुगतान किया जा चुका है।

राज्यपाल ने कहा कि यह योजना जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि राज्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने में सभी राज्यों में नंबर एक बनकर उभरा है। मुंबई में राज्य विधानमंडल के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि महाराष्ट्र देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 14 प्रतिशत से अधिक का योगदान देता है।

उन्होंने कहा कि राज्य प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए पसंदीदा है।

राज्यपाल ने कहा, ‘‘वर्ष 2023-24 में 1,25,101 करोड़ रुपये के निवेश के साथ महाराष्ट्र एफडीआई के मामले में देश में शीर्ष पर रहा, और वर्ष 2024-25 की पहली दो तिमाहियों (अप्रैल से सितंबर) के दौरान सर्वाधिक एफडीआई (1,13,236 करोड़ रुपये जो पिछले साल के कुल एफडीआई के 90 प्रतिशत से अधिक है) आकर्षित करके यह एक बार फिर देश में शीर्ष पर रहा। ”

संतोष प्रशांत

प्रशांत


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