महाराष्ट्र : शिंदे ने अपनी सरकार की पहली सालगिरह पर विकास का दिया मंत्र

महाराष्ट्र : शिंदे ने अपनी सरकार की पहली सालगिरह पर विकास का दिया मंत्र

महाराष्ट्र : शिंदे ने अपनी सरकार की पहली सालगिरह पर विकास का दिया मंत्र
Modified Date: June 30, 2023 / 06:15 pm IST
Published Date: June 30, 2023 6:15 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

मुंबई, 30 जून (भाषा) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को अपनी सरकार के एक साल पूरे होने के अवसर पर कहा कि उनकी सरकार ने स्वास्थ्य योजना के तहत बीमा कवर 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने और किसानों को सालाना छह हजार रुपये वित्तीय मदद देने सहित कई फैसले लिये हैं।

पश्चिमी महाराष्ट्र के सातारा जिले के पाटन में 122.59 करोड़ रुपये की योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए शिंदे ने कहा कि शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन सरकार नवंबर 2019 के चुनाव के तुरंत बाद बननी चाहिए थी, लेकिन 50 विधायकों और 13 सांसदों ने इसे करीब ढाई साल बाद संभव बनाया।

 ⁠

वह एकीकृत शिवसेना के कुछ विधायकों के विद्रोह का संदर्भ दे रहे थे, जिसके बाद महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का पतन हुआ और 30 जून 2022 को भाजपा के समर्थन से उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ हुआ।

इस कार्यक्रम में शिंदे के गृह जिले में 126 गांवों के लिए 86 विकास परियोजनाओं की शुरुआत की गई। शिवसेना नेता ने कहा कि उनकी सरकार विकास और लोगों के कल्याण पर केंद्रित रहेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम लोगों के कल्याण के लिए फैसले ले रहे हैं, जिनमें ‘नमो शेतकारी महासम्मान निधि योजना’ के तहत राज्य सरकार द्वारा किसानों को सालाना 6,000 रुपये देने का फैसला शामिल है। इस प्रकार अब किसानों को हर साल 12,000 रुपये मिलेंगे, क्योंकि केंद्र द्वारा प्रधानंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत भी सालाना 6,000 रुपये दिये जा रहे हैं।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना’ के तहत प्रदेश के 12.5 करोड़ लोग पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे।

शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार ने महज एक साल में 32 सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनपर अमल होने के बाद छह लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई संभव होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार बनने की पहली सालगिरह विकास कार्यों के जरिये मना रहे हैं।’’

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश


लेखक के बारे में