मराठा आरक्षण विरोधियों को मराठवाड़ा में सबसे अधिक वोट मिलना हैरान करने वाला है: फडणवीस
मराठा आरक्षण विरोधियों को मराठवाड़ा में सबसे अधिक वोट मिलना हैरान करने वाला है: फडणवीस
मुंबई, आठ जून (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को कहा कि मराठा समुदाय को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकारों ने दो अवसरों पर आरक्षण दिया था।
फडणवीस ने यह बयान उस दिन शुरू किया जिस दिन मराठा नेता मनोज जरांगे ने ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया।
फडणवीस ने हाल में संपन्न लोकसभा चुनावों में मराठवाड़ा क्षेत्र में उन लोगों की चुनावी सफलता पर भी आश्चर्य व्यक्त किया, जो 1980 से मराठों के लिए आरक्षण का विरोध कर रहे थे।
फडणवीस ने पार्टी की बैठक के बाद कहा, ‘दोनों मौकों पर भाजपा नीत सरकार ने मराठों को आरक्षण दिया था।’
पार्टी की बैठक में राज्य के भाजपा विधायकों ने एक प्रस्ताव पारित कर फडणवीस में विश्वास जताया और पार्टी नेता के रूप में उनके बने रहने की मांग की।
फरवरी में महाराष्ट्र विधानसभा ने शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया था।
साल 2018 में, फडणवीस की अगुआई वाली तत्कालीन राज्य सरकार ने मराठों को आरक्षण देने के लिए एक कानून बनाया था। हालांकि इसे बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, लेकिन कानून को बरकरार रखा गया था, लेकिन बाद में उच्चतम न्यायालय ने इसे रद्द कर दिया था।
फडणवीस ने किसी का नाम लिए बगैर कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि जिन लोगों ने 1980 से आरक्षण का विरोध किया, उन्हें मराठवाड़ा में अधिक वोट मिले।’
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मराठा समुदाय के सदस्यों में असंतोष, साथ ही किसानों और मराठवाड़ा क्षेत्र में प्रमुख विकास परियोजनाओं की कमी ने आम चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति उम्मीदवारों की हार में योगदान दिया।
जरांगे ने उस मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है, जो मराठा समुदाय के सदस्यों के सभी रक्त संबंधियों को कुनबी के रूप में मान्यता देती है।
उन्होंने इन आरोपों से इनकार किया है कि पंकजा मुंडे समुदाय के सदस्यों से उनकी अपील के कारण चुनाव हार गईं।
जरांगे ने दावा किया, ”फडणवीस ने मराठा समुदाय के खिलाफ साजिश रची।”
भाषा
नोमान माधव
माधव

Facebook



