प्रगति के लिए आधुनिकीकरण आवश्यक, लेकिन भारतीय समाज को पाश्चात्यकरण का विरोध करना चाहिए: गडकरी

प्रगति के लिए आधुनिकीकरण आवश्यक, लेकिन भारतीय समाज को पाश्चात्यकरण का विरोध करना चाहिए: गडकरी

प्रगति के लिए आधुनिकीकरण आवश्यक, लेकिन भारतीय समाज को पाश्चात्यकरण का विरोध करना चाहिए: गडकरी
Modified Date: May 25, 2025 / 08:35 pm IST
Published Date: May 25, 2025 8:35 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

मुंबई, 25 मई (भाषा) केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि प्रगति के लिए आधुनिकीकरण आवश्यक है और देश को प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करनी चाहिए लेकिन भारतीय समाज के पाश्चात्यकरण का विरोध किया जाना चाहिए, जो इसके मूल मूल्यों को नष्ट कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और भारतीय मूल्य प्रणाली के बीच संतुलन स्थापित करने से देश विश्वगुरु बन सकेगा।

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गडकरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम प्रगति के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम समाज के पाश्चात्यकरण के खिलाफ हैं।’’

हालांकि, उन्होंने रेखांकित किया कि समय बदल गया है, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज और अहिल्याबाई होलकर जैसी पूजनीय हस्तियों की शिक्षाएं उनके मजबूत मूल्य प्रणालियों के कारण आज भी प्रासंगिक हैं।

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा, ‘‘समय भले ही बदल गया हो, लेकिन मूल्य प्रणाली वही है।’’

इंग्लैंड की अपनी एक यात्रा के बारे में बताते हुए गडकरी ने ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री के साथ हुई बातचीत को याद किया, जिसमें उनसे भारत की सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछा गया था।

गडकरी ने कहा, ‘‘मैंने उनसे कहा कि गरीबी, कुपोषण, बेरोजगारी, शिक्षा की कमी और अंधविश्वास भारत में जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारक हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैंने उनसे यही सवाल पूछा, तो ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने मुझे बताया कि उनकी सबसे बड़ी चिंता यह है कि युवा शादी में दिलचस्पी नहीं रखते हैं और इसके बजाय ‘लिव-इन रिलेशनशिप’ को प्राथमिकता देते हैं।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने बुनियादी ढांचे, बिजली और पानी की आपूर्ति, संचार, आईटी(सूचना प्रौद्योगिकी) और जैव प्रौद्योगिकी में अच्छी-खासी प्रगति की है, लेकिन सामाजिक मोर्चे पर गिरावट आई है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनका (ब्रिटेन का) सामाजिक जीवन तबाह हो रहा है। उनका मॉडल उचित नहीं है।’’

गडकरी ने भारत की प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा देश ने विज्ञान, जैव-प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी में प्रगति की है।

उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में 10 चिकित्सकों में से छह भारत से हैं। हमारी जीवनशैली और उसकी मूल्य प्रणाली हमेशा बनी रहेगी, और हम आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को भी अपनाएंगे। हम चाहते हैं कि समाज ऐसा करे। दोनों के बीच संतुलन ही विश्वगुरु बनने का तरीका है।’’

उन्होंने कहा कि होलकर राजवंश की महान शासक अहिल्याबाई होलकर ने अपने निजी जीवन में काफी कठिनाइयों का सामना किया, फिर भी वह न्याय और लोक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहीं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनका दृष्टिकोण बुनियादी ढांचे और पर्यटन को बढ़ावा देने तक विस्तृत था, जो भारतीय मूल्यों में निहित विकास के लिए व्यापक प्रतिबद्धता के साथ जुड़ा हुआ था।

गडकरी ने कहा, ‘‘शिवाजी महाराज की तरह, जिन्होंने गलती करने पर अपने बेटे तक को नहीं बख्शा, अहिल्याबाई ने भी अपने निजी जीवन में ऐसा ही किया। विवेकपूर्ण, पारदर्शी और समाज कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहने पर उनका जोर उनकी विशेषता थी।’’

उन्होंने यह भी कहा कि भारत को सभी क्षेत्रों में सुधार के लिए प्रयास जारी रखना चाहिए।

गडकरी ने कहा, ‘‘हम हर क्षेत्र में बेहतरी के लिए प्रयास करेंगे, चाहे वह इंजीनियरिंग हो, विज्ञान और प्रौद्योगिकी हो या अन्य क्षेत्र हो।’’

भाषा सुभाष धीरज

धीरज


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