नांदेड़: गोदावरी, आसना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया

नांदेड़: गोदावरी, आसना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया

नांदेड़: गोदावरी, आसना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया
Modified Date: September 24, 2025 / 06:41 pm IST
Published Date: September 24, 2025 6:41 pm IST

नांदेड़, 24 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर में पिछले कुछ दिनों में हुई भारी बारिश के कारण कई निचले इलाकों के जलमग्न हो जाने के बाद सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।

यहां गोदावरी और आसना नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है।

अधिकारियों ने बताया कि नांदेड़ को पेयजल उपलब्ध कराने वाले विष्णुपुरी बांध में जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण 25 वर्षों में पहली बार इसके सभी 16 फाटक खोल दिए गए और इनसे 2.5 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया।

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आमतौर पर सूखे से जूझने वाले मराठवाड़ा क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से बारिश ने कहर बरपाया है। यहां वर्षाजनित घटनाओं में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है और मकानों तथा फसलों को नुकसान पहुंचा है। कृषि मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने बुधवार को कहा कि बारिश से क्षेत्र के नांदेड़ जिले में सबसे अधिक नुकसान हुआ है।

अधिकारियों ने बताया कि गोदावरी और आसना नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं जिसके कारण नांदेड़ शहर और जिले के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है।

विष्णुपुरी बांध से पानी छोड़े जाने के कारण शहर के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई तथा इन इलाकों में गोवर्धन घाट, नव घाट, नगीना घाट, देग्लूर नाका, वासरानी और मुजमपेठ शामिल हैं।

बाढ़ का पानी गोवर्धन घाट श्मशान घाट, संत दासगणू महाराज ब्रिज, शनि मंदिर, गाड़ीपुरा, सिद्धनाथपुरी और चौफला इलाकों में भी घुस गया।

अधिकारियों ने बताया कि सैकड़ों निवासियों को सुरक्षित स्थानों और अस्थायी आश्रयों में पहुंचाया गया जबकि जलस्तर बढ़ने की स्थिति में और अधिक लोगों को वहां से निकाला जा सकता है।

जयकवाड़ी (छत्रपति संभाजीनगर), माजलगांव (बीड), सिद्धेश्वर, खडकपूर्णा और लोअर दुधाना सहित ऊपरी क्षेत्र में स्थित बांधों से भारी मात्रा में पानी आने से गोदावरी का जलस्तर बढ़ रहा है।

अधिकारियों ने बताया कि नदी पहले ही 351 मीटर के चेतावनी स्तर को पार कर चुकी है और जलस्तर 354 मीटर के खतरे के निशान से भी ऊपर पहुंच चुका है।

जिला प्रशासन और नांदेड़ वाघला सिटी नगर निगम ने नदी के किनारे स्थित गांवों के लोगों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस तैनात कर दी है। यहां कई पुल और सड़कें अब पानी में डूब गई हैं।

अधिकारियों ने बताया कि जिले में आसना नदी का जलस्तर बढ़ गया है जिससे स्थिति और बिगड़ गई है। उफनती सहायक नदियों और जल धाराओं के कारण कई मार्ग बंद हो गए।

मंगलवार से बारिश कम हो गई है लेकिन भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने नांदेड़ के लिए ‘यलो’ अलर्ट जारी रखा है। यहां आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है।

भाषा यासिर आशीष

आशीष


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