मराठा आरक्षण की मांग पूरी करने के लिए संविधान संशोधन करने में कोई हर्ज नहीं : राउत

मराठा आरक्षण की मांग पूरी करने के लिए संविधान संशोधन करने में कोई हर्ज नहीं : राउत

मराठा आरक्षण की मांग पूरी करने के लिए संविधान संशोधन करने में कोई हर्ज नहीं : राउत
Modified Date: August 30, 2025 / 03:31 pm IST
Published Date: August 30, 2025 3:31 pm IST

मुंबई, 30 अगस्त (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता संजय राउत ने शनिवार को कहा कि शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे मराठा समुदाय की मांगों को पूरा करने के लिए संविधान में संशोधन करने में कोई बुराई नहीं है।

पत्रकारों से बात करते हुए, राउत ने भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर राजनीतिक लाभ के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग और मराठों के बीच दरार पैदा करने का आरोप लगाया।

ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे की भूख हड़ताल शुरू होने बाद राउत ने यह टिप्पणी की है। जरांगे चाहते हैं कि मराठों को ओबीसी में शामिल कुनबी जाति के रूप में मान्यता दी जाए, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण मिल सके।

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राउत ने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने की मांग की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि आरक्षण का मुद्दा केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, तो भाजपा वहां भी सत्ता में है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गंभीर आपराधिक आरोपों में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों की गिरफ्तारी के 30 दिन बाद उन्हें पद से हटाने के संबंध में तीन कानून लाकर संविधान में संशोधन कर सकती है, ‘(तो) मराठा समुदाय की आर्थिक और सामाजिक मांगों को पूरा करने के लिए संविधान में संशोधन करने में क्या समस्या है।”

उन्होंने कहा कि सरकार को मुंबई में एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों को सहानुभूति की दृष्टि से देखना चाहिए।

इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने शनिवार को आरक्षण आंदोलन से जुड़े सवालों को यह कहकर टाल दिया कि इन सवालों के जवाब उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास हैं।

आंदोलन के बारे में पत्रकारों के सवालों पर ठाकरे ने कहा, ‘इन सभी सवालों के जवाब एकनाथ शिंदे देंगे।’

मनसे प्रमुख ने पलटवार करते हुए कहा, ‘क्या शिंदे ने नवी मुंबई जाकर इस मुद्दे को नहीं सुलझाया था? फिर, दोबारा यह आंदोलन क्यों?”

ठाकरे ने कहा कि हर कोई जानता है कि अतीत में क्या हुआ था, इसलिए ये सभी प्रश्न शिंदे से पूछे जाने चाहिए।

पिछले साल जनवरी में, तत्कालीन शिंदे सरकार के अनुरोध पर, जरांगे का मुंबई कूच नवी मुंबई के वाशी में रुक गया था। उस समय, शिंदे ने आश्वासन दिया था कि आरक्षण की मांगें पूरी की जाएंगी।

भाषा जोहेब दिलीप

दिलीप


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