पुणे, 14 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और राकांपा अध्यक्ष अजित पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि पार्टी में विभाजन के बाद उनके गुट ने शुरू में उनके चाचा शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया था, लेकिन बाद में शरद पवार की आपत्ति के बाद पार्टी ने राज्य के पहले मुख्यमंत्री यशवंतराव चव्हाण का नाम और तस्वीरें इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
उच्चतम न्यायालय ने शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट की ओर से दखिल याचिका पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाले गुट से बृहस्पतिवार को जवाब दाखिल करने को कहा। शरद पवार नीत गुट ने अपनी याचिका में आरोप लगाए थे कि अजित पवार गुट राजनीतिक लाभ के लिए उनके (शरद) नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहा है।
उच्चतम न्यायालय द्वारा इस संदर्भ में जवाब मांगे जाने के बाद अजित पवार का यह बयान आया है।
पुणे जिले में अपने गृह नगर बारामती में पत्रकारों से अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-शिवसेना सरकार के साथ गठबंधन करने के बाद उनकी पार्टी ने शरद पवार के नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल किया था।
अजित ने कहा, ‘‘लेकिन, जब उन्होंने (शरद पवार ने) अपनी तस्वीरों और नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई और कार्रवाई की चेतावनी दी, तो हमने उनके नाम और तस्वीरों का इस्तेमाल बंद कर दिया। हम अब एक संस्कारी नेता यशवंतराव चव्हाण की तस्वीरों का उपयोग कर रहे हैं और जनता के बीच जा रहे हैं।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार द्वारा स्थापित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पिछले साल जुलाई में तब विभाजित हो गई जब अजित पवार और उनका समर्थन करने वाले विधायक एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए।
शरद पवार यशवंतराव चव्हाण को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री होने के अलावा चव्हाण देश के रक्षा मंत्री और उप प्रधानमंत्री भी रहे।
शीर्ष अदालत के निर्देश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, राकांपा के शरद पवार गुट ने भारत के निर्वाचन आयोग पर पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह के आवंटन के संबंध में “राजनीतिक निर्णय” लेने का आरोप लगाया।
राकांपा (शरदचंद्र पवार) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाइड क्रास्टो ने दावा किया, “शीर्ष अदालत का अजित पवार समूह को हमारी पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार की तस्वीर और नाम का उपयोग न करने का निर्देश एक बहुत ही स्वागत योग्य निर्णय है। इससे यह साबित होता है कि जब भारत निर्वाचन आयोग ने अजित पवार गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम और घड़ी का चुनाव चिन्ह दिया, तो वह भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर राजनीतिक निर्णय ले रहा था।”
क्रास्टो ने कहा, “भारत और महाराष्ट्र में हर कोई जानता है कि घड़ी का चिन्ह शरद पवार से पहचाना जाता है। हम इसका स्वागत करते हैं और हमें खुशी है कि महाराष्ट्र और भारत के लोग भारतीय जनता पार्टी द्वारा खेले गए इस खेल से भ्रमित नहीं होंगे।”
भाषा प्रशांत माधव
माधव
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