Mumbai News: ‘यह 2008 का बदला है’, ट्रेन में गोलीबारी करने वाले RPF जवान ने कही थी ये बात, प्रत्यक्षदर्शी ने कोर्ट में दी गवाही
Mumbai News: प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने देखा की कि दाढ़ी वाला व्यक्ति खून से लथपथ है और आरपीएफ जवान नजदीक राइफल लेकर खड़ा है।
- 26 नवंबर 2008 में को मुंबई पर हुए थे आतंकवादी हमले
- यात्रियों की हत्या करते समय कई सांप्रदायिक बयान
- जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में हत्या का मामला
मुंबई: Mumbai News, जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में जुलाई 2023 में गोलीबारी करने वाले रेलवे सुरक्षाबल (आरपीएफ) के जवान ने घटना को अंजाम देने के बाद कहा था कि ‘यह 2008 का बदला है’। यह जानकारी मामले में एक प्रत्यक्षदर्शी ने अदालत में सोमवार को दी गई गवाही में दी। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि उसने देखा की कि दाढ़ी वाला व्यक्ति खून से लथपथ है और आरपीएफ जवान नजदीक राइफल लेकर खड़ा है।
रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के पूर्व आरक्षी चेतन सिंह चौधरी पर 31 जुलाई, 2023 को महाराष्ट्र के पालघर रेलवे स्टेशन के पास जयपुर-मुंबई सेंट्रल सुपरफास्ट एक्सप्रेस में अपने वरिष्ठ सहयोगी, सहायक उप-निरीक्षक टीका राम मीणा और तीन यात्रियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। चौधरी को घटना के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।
Mumbai News, चौधरी ने शयनयान के जिस एस-6 डिब्बे में घटना को अंजाम दिया था उसी में प्रत्यक्षदर्शी जीएसटी अधिकारी यात्रा कर रहे थे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वाई बी पठान (डिंडोशी कोर्ट) के समक्ष गवाही देते हुए प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह छुट्टी से मुंबई लौट रहा था। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि वह भयावह दृश्य देखकर डर गया और डिब्बे के दूसरी ओर चलने लगा, इसी दौरान उसने आरपीएफ कर्मी को यह कहते सुना, ‘‘यह 2008 का बदला है।’’
26 नवंबर 2008 में को मुंबई पर हुए थे आतंकवादी हमले
Mumbai News, आरोपी का यह बयान कथित तौर पर 2008 में 26 नवंबर को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमलों के संदर्भ में था। इस हमले को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने कई समन्वित हमलों में अंजाम दिया और 60 घंटे तक चले संकट में 166 लोग मारे गए थे। अतिरिक्त लोक अभियोजक सुधीर सपकाले द्वारा जिरह के दौरान गवाह ने कहा कि उसने आरपीएफ कांस्टेबल को एस-5 कोच की ओर बढ़ते और उससे उतरकर पटरियों पर जाते देखा।
चलती ट्रेन में यात्रियों की हत्या करते समय कई सांप्रदायिक बयान
गवाह (32) ने बचाव पक्ष के वकील जयवंत पाटिल के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उसकी गवाही झूठी है और उसने कुछ भी नहीं देखा है। अभियोजन पक्ष के मुताबिक चौधरी ने चलती ट्रेन में यात्रियों की हत्या करते समय कई सांप्रदायिक बयान दिए थे।
चौधरी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या), 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच द्वेष को बढ़ावा देना) और अन्य धाराओं के साथ-साथ रेलवे अधिनियम और महाराष्ट्र संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं।
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