फडणवीस को लेकर शरद पवार ने कही ये बड़ी बात, सियासी गलियारे में रही इस बात की चर्चा

Sharad Pawar : राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री ..

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  • Publish Date - June 30, 2022 / 11:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:51 PM IST

पुणे। Sharad Pawar : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि एकनाथ शिंदे की सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस खुश नहीं दिख रहे थे।

उद्धव ठाकरे के बुधवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद शिवसेना के बागी नेता शिंदे ने महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि वह सरकार का हिस्सा नहीं होंगे, लेकिन बाद में उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

पवार ने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का स्थान स्वीकार नहीं किया है। उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया।’’

राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘(हालांकि) वह नागपुर से हैं और उन्होंने एक ‘स्वयंसेवक’ (आरएसएस के साथ) के रूप में काम किया है और वहां, जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना पड़ता है।’’ उन्होंने कहा कि फडणवीस ने इस ‘संस्कार’ के कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया होगा।

पवार ने भाजपा सरकार के तहत केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के बारे में भी बात की और दावा किया कि उन्हें 2004, 2009 और 2014 में अपने चुनावी हलफनामों के संबंध में आयकर विभाग से पत्र प्राप्त हुए थे।

उन्होंने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ बगावत करने के बाद गुवाहाटी में डेरा डाले हुए एकनाथ शिंदे गुट को उम्मीद नहीं थी कि उनके नेता उपमुख्यमंत्री से ज्यादा कुछ बनेंगे।

पवार ने कहा, ‘‘हालांकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा आदेश दिए जाने के बाद, शिंदे को मुख्यमंत्री का पद दिया गया। किसी को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। मुझे लगता है कि शिंदे को खुद कोई जानकारी नहीं थी। दूसरा आश्चर्य, जो मुझे नहीं लगता कि वास्तव में एक आश्चर्य है, वह यह है कि देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने पांच साल तक मुख्यमंत्री और फिर विपक्ष के नेता के रूप में काम किया, को केंद्रीय नेतृत्व के निर्देशों का पालन करते हुए उपमुख्यमंत्री का पद लेना पड़ा।’’ उन्होंने कहा कि हालांकि पहले भी इस तरह के मामले सामने आ चुके हैं।

राकांपा प्रमुख ने कहा कि उन्होंने शिंदे से भी बात की और उन्हें बधाई दी। पवार ने शिवसेना के बागी विधायकों के इस दावे को भी खारिज किया कि राकांपा और कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठजोड़ उनके विद्रोह का प्राथमिक कारण था।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आरोप निराधार है। इसका राकांपा और कांग्रेस से कोई संबंध नहीं है। लोगों को (बहाने के रूप में) कुछ बताना होगा, इसलिए राकांपा और कांग्रेस को दोषी ठहराया जा रहा है।’’