मुंबई, 10 जून (भाषा) शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना पार्टी (भाजपा) के जोर देने पर कार्यान्वित हो रही है जबकि इसके लिए निर्धारित धन उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को बेहतर बनाने पर खर्च किया जाना चाहिए।
ठाणे जिले में सोमवार सुबह व्यस्त समय के दौरान भीड़भाड़ वाली दो लोकल ट्रेन से गिरकर चार लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए।
दोनों दलों ने इस दुर्घटना के लिए रेलवे प्रशासन की आलोचना की।
पत्रकारों से बात करते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि दुर्घटना में जान गंवाने वाले लोग वातानुकूलित (एसी) ट्रेन या बुलेट ट्रेन में यात्रा नहीं करने वाले थे।
उन्होंने कहा कि यह घटना इसलिए हुई क्योंकि नियमित लोकल ट्रेनों के फेरे कम कर दिए गए जबकि एसी लोकल ट्रेनों के फेरे बढ़ा दिए गए।
राउत ने आरोप लगाया, ‘बुलेट ट्रेन और हाई-स्पीड ट्रेन गुजरात के लिए हैं, मुंबई के मराठी मानुष के लिए नहीं। ट्रेनों की आवृत्ति बढ़ाई जानी चाहिए। मुंबई का सारा बजट बुलेट ट्रेनों के लिए दिया जा रहा है।’
मनसे ने ठाणे रेलवे स्टेशन तक विशाल विरोध मार्च निकाला, जिसमें रेलवे प्रशासन की कथित निष्क्रियता की निंदा की गई तथा तत्काल सुरक्षा और बुनियादी ढांचे के उन्नयन की मांग की गई।
पार्टी की ठाणे इकाई के अध्यक्ष अविनाश जाधव ने रेलवे प्रशासन पर सेवाओं में सुधार के लिए झूठे आश्वासन देने का आरोप लगाया और मांग की कि भीड़ को संभालने के लिए रेलवे स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जाए।
उन्होंने कहा कि यदि रेलवे जम्मू कश्मीर में चिनाब नदी पर पुल बना सकता है, जिसे इंजीनियरिंग की उपलब्धि माना जा रहा है, तो वह रेल सेवाओं में सुधार क्यों नहीं कर सकता?
जाधव ने मुंबई के लिए एक स्वतंत्र रेलवे बोर्ड की भी मांग की।
उन्होंने कहा, ‘बुलेट ट्रेन परियोजना केवल भाजपा के जोर देने पर ही शुरू की जा रही है। इसके बजाय इस धन को लोकल ट्रेनों को बेहतर बनाने पर खर्च किया जाना चाहिए। यह फिजूलखर्ची है, जिससे मुंबई को कोई लाभ नहीं हो रहा है।’
ठाणे में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे अधिकारियों को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा जिसमें अत्यावश्यक मांगों की सूची शामिल है।
जाधव ने भीड़ को संबोधित करते हुए चेतावनी दी कि यदि आठ दिनों के भीतर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे ‘मनसे शैली’ में और अधिक तीव्र आंदोलन करेंगे।
भाषा शुभम मनीषा
मनीषा
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